नेशनल असेंबली में आज विश्वास मत पेश करेगी पाकिस्‍तान की सरकार, सहयोगी दलों के आसरे इमरान

नेशनल असेंबली में विश्वास मत पेश किए जाने से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी रणनीति तय करने के लिए सहयोगी दलों के साथ बैठक की। इमरान को उम्मीद है कि सहयोगी दलों की मदद से वह विश्वास मत हासिल कर लेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 11:22 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 11:22 PM (IST)
नेशनल असेंबली में आज विश्वास मत पेश करेगी पाकिस्‍तान की सरकार, सहयोगी दलों के आसरे इमरान
इमरान सरकार शनिवार को संसद में विश्वास मत प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश करेगी।

इस्लामाबाद, एजेंसियां। नेशनल असेंबली में विश्वास मत पेश किए जाने से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को सहयोगी दलों के साथ बैठक की। इमरान सरकार शनिवार को संसद में विश्वास मत प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश करेगी। बुधवार को सीनेट के चुनाव में वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख की हार के बाद सरकार ने विश्वास मत प्राप्त करने का फैसला किया है। इमरान सरकार को उम्मीद है कि सहयोगी दलों की मदद से वह संसद में विश्वास मत हासिल कर लेगी।

शनिवार को संसद का विशेष सत्र

पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रत्याशी अब्दुल हफीज शेख को सीनेट के चुनाव में हरा दिया। इसे इमरान खान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगी के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रचार किया था। अब्दुल हफीज की हार से उत्साहित विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री पद से इमरान का त्यागपत्र मांगना शुरू कर दिया। इसके जवाब में इमरान ने नेशनल असेंबली में विश्वास मत हासिल करने का एलान कर दिया। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को संसद का सत्र बुलाया है, जिसमें इमरान खान अपने सहयोगियों की मदद से विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेंगे।

चुनाव आयोग ने कहा, हम पर कीचड़ मत उछालिए

सीनेट के चुनाव में अपने मंत्री की शर्मनाक हार से तिलमिलाए प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि वह एक संवैधानिक और स्वतंत्र संस्था है। इसने प्रधानमंत्री से कहा कि हम पर कीचड़ मत उछालिए। देश की जनता के नाम अपने संबोधन में इमरान ने चुनाव आयोग पर चुनाव में बेईमानी करने वालों की हिफाजत करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव संवैधानिक तरीके से संपन्न कराया गया। वह न तो कभी किसी के दबाव में आया है और न ही किसी दबाव में काम करेगा। 

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