गिलगिट-बाल्टिस्तान चुनाव पर बैठक का बहिष्कार करेंगे विपक्षी दल, 15 नवंबर को चुनाव

भारत पहले ही पाकिस्तान को यह साफ शब्दों में बता चुका है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान पर उसका कोई अधिकार नहीं है। यह पूरा क्षेत्र समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग है जो विधि सम्मत और अपरिवर्तनीय है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 03:12 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 03:12 PM (IST)
गिलगिट-बाल्टिस्तान चुनाव पर बैठक का बहिष्कार करेंगे विपक्षी दल, 15 नवंबर को चुनाव
पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने 15 नवंबर को चुनाव कराने कराने की घोषणा की है।

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले गिलगिट-बाल्टिस्तान में प्रस्तावित चुनाव को लेकर नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार करने का एलान किया है। पिछले सप्ताह पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने 15 नवंबर को चुनाव कराने कराने की घोषणा की थी। 

डॉन की खबर के मुताबिक बैठक के बहिष्कार की आधिकारिक घोषणा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने की। इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से नवगठित गठबंधन की रणनीति पर चर्चा की। विपक्षी दलों का यह गठबंधन इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के मकसद से बनाया गया है।

बिलावल ने ट्वीट में कहा, 'नेशनल असेंबली के स्पीकर और संघीय मंत्रियों का गिलगिट-बाल्टिस्तान के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। हम चुनाव में संघीय सरकार की दखलंदाजी की निंदा करते हैं। निष्पक्ष चुनाव की हमारी मांग पूरी होने पर ही मेरी पार्टी इस चुनाव में भाग लेगी।' 

भारत का सख्त संदेश

भारत पहले ही पाकिस्तान को यह साफ शब्दों में बता चुका है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान पर उसका कोई अधिकार नहीं है। यह पूरा क्षेत्र समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग है, जो विधि सम्मत और अपरिवर्तनीय है।

कोरोना के चलते टले चुनाव

बता दें कि गिलगिट-बाल्टिस्तान में गत 18 अगस्त को ही विधानसभा चुनाव कराया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। हाल में कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही इस क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का एलान करेंगे। इसके बाद गिलगिट-बाल्टिस्तान को एक पूर्ण राज्य के तौर पर सभी संवैधानिक अधिकार मिल जाएंगे। 

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