पाकिस्तान की Mango Diplomacy फेल, चीन और अमेरिका ने वापस किए गिफ्ट के रूप में भेजे गए आम

आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति मैंगो डिप्लोमेसी पर पानी फिर गया है। पाकिस्तान ने मैंगो डिप्लोमेसी के तहत 32 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों को तोहफे में आम भेजा था। अमेरिका और उसके खास दोस्त चीन ने समेत कई देशों ने इसे ठुकरा दिया है।

By TaniskEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 12:38 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 12:38 PM (IST)
पाकिस्तान की Mango Diplomacy फेल, चीन और अमेरिका ने वापस किए गिफ्ट के रूप में भेजे गए आम
पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति 'मैंगो डिप्लोमेसी' पर पानी फिर गया।

इस्लामाबाद, एएनआइ। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति 'मैंगो डिप्लोमेसी' पर पानी फिर गया है। पाकिस्तान ने मैंगो डिप्लोमेसी के तहत 32 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों को तोहफे में आम भेजा था। अमेरिका और उसके खास दोस्त चीन ने समेत कई अन्य देशों ने इस तोहफे को ठुकरा दिया है।  

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान विदेश कार्यालय (FO) ने बुधवार को 32 से अधिक देशों के प्रमुखों को आम के बक्से भेजे थे, लेकिन अमेरिका और चीन समेत कई देशों ने इस उपहार को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। इसके लिए इन्होंने कोरोना वायरस क्वारंटाइन नियमों का हवाला दिया।  

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी की ओर से 32 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को 'चौंसा' आम भेजे गए थे। सूत्रों ने बताया कि आम के डब्बे ईरान, खाड़ी देशों, तुर्की, ब्रिटेन, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और रूस को भी भेजे जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि एफओ की इस लिस्ट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो का भी नाम था, लेकिन पेरिस ने पाकिस्तान को इसे लेकेर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए उपहार को इन देशों ने ठुकराया

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन के अलावा जिन देशों ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए उपहार को स्वीकार करने से मना कर दिया है, उनमें कनाडा, नेपाल, मिस्र और श्रीलंका शामिल हैं। इन देशों ने इसके पीछे कोरोना को फैलने से रोकने के लागू क्वारंटाइन नियमों का हवाला दिया है। 

'अनवर रत्तोल' और 'सिंधारी' आम इस बार नहीं थे खेप का हिस्सा

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने दूसरे देशों को आम भेजी हो। इससे पहले भी वह दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आम भेजता रहा है। उसके द्वारा भेजे जाने वाले आम के खेप में पहले 'अनवर रत्तोल' और 'सिंधारी' आम भी हिस्सा थे, लेकिन इस बार दोनों को हटा दिया गया।

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