पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था, कर्ज की उम्मीद में सऊदी अरब से बढ़ा रहा नजदीकी

देश की डूबती हुई अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पाकिस्तान के पास विदेशी कर्ज ही अंतिम विकल्प है और इसी उम्मीद में वह सऊदी अरब के साथ करीबी बढ़ा रहा है। टाइम्स आफ इजरायल ने अपनी रिपोर्ट में नापाक पड़ोसी की आर्थिक स्थिति व इरादों को किया उजागर।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 05:48 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 05:48 PM (IST)
पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था, कर्ज की उम्मीद में सऊदी अरब से बढ़ा रहा नजदीकी
कर्ज की उम्मीद में सऊदी अरब से नजदीकी बढ़ा रहा पाकिस्तान।

इस्लामाबाद, एएनआइ। देश की डूबती हुई अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पाकिस्तान के पास विदेशी कर्ज ही अंतिम विकल्प है और इसी उम्मीद में वह सऊदी अरब के साथ करीबी बढ़ा रहा है। टाइम्स आफ इजरायल के अनुसार, पाकिस्तान भले ही सऊदी अरब के साथ भाईचारे के रिश्ते का दावा करता हो, लेकिन सच्चा यह है कि भाईचारा कायम करने का यह प्रयास उस समय किया जा रहा है, जब उसकी अर्थव्यवस्था डूब रही है।

भुगतान संकट के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत खराब

समाचार पत्र के विश्लेषक सर्जियो रेस्टेली ने लिखा, ' भुगतान संकट के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। देश को बचाने के लिए विदेशी कर्ज पर पाकिस्तान की निर्भरता बढ़ती जा रही है। वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) को भी एक अरब डालर का कर्ज जारी करने के लिए मनाने में विफल रहा है।' इस बीच सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कभी खत्म न होने वाले आर्थिक संकट से राहत देने के लिए कर्ज पैकेज का एलान किया है। इसके तहत सऊदी अरब, पाकिस्तान के बैंक में 1.2 अरब डालर जमा कराएगा, जबकि 1.2 से 1.5 अरब डालर का तेल उधार देगा।

खाड़ी देशों से भारत के रिश्ते ज्यादा मजबूत 

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इस बात पर गौर करने में विफल रहा है कि सऊदी अरब व संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के भारत के साथ ज्यादा गहरे रणनीतिक व आर्थिक संबंध हैं। दोनों देशों के लिए भारत ज्यादा व्यावहारिक साझेदार रहा है। सऊदी अरब का भारत के साथ कुल कारोबार 33 अरब डालर (करीब 2,474 अरब रुपये) से ज्यादा का है, जबकि पाकिस्तान के साथ महज 3.6 अरब डालर (करीब 270 अरब डालर) का। भारत व सऊदी अरब ने रक्षा सहयोग भी साझेदारी मजबूत की है।

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