Pakistan and Afghanistan: तालिबान की बढ़ती ताकत से भयभीत हुआ पाक, 2,640 किमी सीमा की घेराबंदी की

अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्‍व के बीच पड़ोसी मुल्‍क सतर्क हो गए हैं। अचरज की बात यह है कि तालिबान का समर्थक पाकिस्‍तान ने भी अफगानिस्‍तान की सीमाएं सील कर दी हैं। बता दें कि हाल में ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमाएं सील कर दी हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 01:18 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:36 PM (IST)
Pakistan and Afghanistan: तालिबान की बढ़ती ताकत से भयभीत हुआ पाक, 2,640 किमी सीमा की घेराबंदी की
अफगानिस्‍तान के हालात से घबराया पाकिस्‍तान। फाइल फोटो।

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्‍व के बीच पड़ोसी मुल्‍क सतर्क हो गए हैं। अचरज की बात यह है कि तालिबान का समर्थक पाकिस्‍तान ने भी अफगानिस्‍तान की सीमाएं सील कर दी हैं। बता दें कि हाल में ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमाएं सील कर दी हैं। पाकिस्‍तान में इमरान सरकार को डर है कि तालिबान पाक में भी घुस सकता है। तालिबान द्वारा स्पिन बोल्डक बॉर्डर क्रॉसिंग पर नियंत्रण करने के बाद पाक और अफगानिस्तान ने पिछले हफ्ते ही सीमा पर कंटीले तार लगा दिए हैं।

पाक‍ से लगी 2,640 किमी सीमा के करीब 90 फीसद पर घेराबंदी

द डॉन ने बताया पाक‍िस्‍तान से लगी 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा के करीब 90 फीसद पर घेराबंदी कर दिया है। अखबार के मुताबिक इस बात की पुष्टि की है। पाकिस्तान के मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने बताया कि पाक सैनिक सीमा पर निगरानी कर रहे हैं, ताकि वहां का संघर्ष हमारी ओर न बढ़े। उधर, पाकिस्‍तान के अलावा ताजिकिस्‍तान और रूस जैसे पड़ोसी देशों में अस्थिरता के संभावित फैलाव को लेकर चिंता व्‍याप्‍त है। ताजिकिस्तान रूसी जमीनी बलों के 201वें सैन्य अड्डे पर 6 हजार से अधिक रूसी सैनिकों व इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल की मेजबानी कर रहा है। ये अड्डे विदेशी धरती पर रूस के कुछ सैन्य स्थलों में से एक है।

अग्रिम चौकियों पर सेना के जवानों की तैनाती

पाकिस्तान ने इस पड़ोसी मुल्‍क से लगती अपनी सीमा की अग्रिम चौकियों पर सेना के जवानों की तैनाती की है। पाकिस्‍तानी अखबार डॉन ने आतंरिक मामलों के मंत्री शेख रशीद अहमद के हवाले से बताया कि अफगानिस्‍तान से लगते अग्रिम ठिकानों पर सेना के जवानों को तैनात किया गया है। अहमद ने कहा कि आतंरिक मंत्रालय के तहत कार्यरत एफसी बलूचिस्तान और अन्य मिलिशिया को सीमा पर गश्त के कार्य से वापस बुला लिया गया है। अब सेना के जवान सीमा पर तैनात है। सैनिकों की तैनाती का यह फैसला सीमा पर तनाव पैदा होने के मद्देनजर लिया गया है। हाल ही में पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिकार ने कहा था कि सीमा पर सैनिकों की तैनाती से अफगानिस्तान में चल रही लड़ाई को पाकिस्तान आने से रोकने में मदद मिलेगी।

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