प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यकाल में और बढ़ा भ्रष्टाचार, तीन स्थान और नीचे खिसका पाकिस्तान
Pakistan drops three spots on global Corruption Perceptions Index 2019 इमरान खान के शासन में पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के क्षेत्र में पिछले साल पहले की तुलना में और बढ़ोतरी हुई है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। Pakistan drops three spots on global Corruption Perceptions Index 2019 पाकिस्तान में इमरान खान के शासन के दौरान भ्रष्टाचार में पिछले साल पहले की तुलना में और बढ़ोतरी हुई है। ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) के वैश्विक सूचकांक 2019 में पाकिस्तान भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों की सूची में 120वें स्थान पर आ गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान साल 2018 की तुलना में 2019 में तीन स्थान और नीचे खिसक गया है।
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रष्टाचार के खिलाफ इमरान खान की और से जारी तमाम कोशिशों और कवायदों के बावजूद पाकिस्तान भ्रष्टाचार के दलदल में और फंसता जा रहा है। दुनिया में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था ने सौ के अंकों के पैमाने पर 180 देशों का आकलन किया। सूची के मुताबिक, जिस देश को जितने ज्यादा अंक मिले वह उतना ही कम भ्रष्ट रहा। पाकिस्तान को साल 2018 में 100 में से 33 अंक मिले थे लेकिन 2019 में इसमें एक अंक की गिरावट के साथ आंकड़ा 32 पहुंच गया जो ग्लोबल एवरेज 43 से काफी कम है।
भ्रष्टाचार सूचकांक में 41 अंकों के साथ भारत 180 देशों में 80वें स्थान पर रहा जो स्थिर पोजीशन है। यानी भारत के आंकड़े में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। बांग्लादेश में भ्रष्टाचार बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ा है और वह इस सूची में महज 26 अंकों के साथ 146वें नंबर पर पहुंच गया है। डेनमार्क और न्यूजीलैंड को सबसे कम भ्रष्ट देश का खिताब मिला है जो सूची में पहले स्थान पर हैं। ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल की मानें तो किसी भी देश का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में सुधार नहीं हुआ है। यही नहीं देश जो शीर्ष पर हैं उनके अंक भी घटे हैं।
अब बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कवायदों की तो उनके आने के बाद मुल्क की हालत और खराब ही हुई है। पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ तो बढ़ा ही है गरीबी और महंगाई ने पाकिस्तानियों की कमर तोड़ दी है। पाकिस्तान में आटे की कीमत आसमान छू रही है। आटे की कीमत बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है जिससे लोगों के सामने भुखमरी की नौबत आन पड़ी है। पराठे की कीमत 60 रुपये प्रति पीस से अधिक हो गई है। खुदरा बाजार में चीनी के दाम भी 85 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं जबकि थोक रेट 77 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं।