अफगानिस्तान पर नजदीकी नजर रखने को PAK नहीं करेगा अमेरिका की मदद, कहा- अमेरिकी सैन्य अड्डा नहीं बनने देंगे

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि वह अपने देश की जमीन पर अमेरिका या किसी भी अन्य विदेशी सेना का अड्डा नहीं बनने देगा। अमेरिका का मकसद अफगानिस्तान पर नजदीक रहकर निगाह रखना है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 05:41 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:41 PM (IST)
अफगानिस्तान पर नजदीकी नजर रखने को PAK नहीं करेगा अमेरिका की मदद, कहा- अमेरिकी सैन्य अड्डा नहीं बनने देंगे
अफगानिस्तान पर नजदीकी नजर रखने को PAK नहीं करेगा अमेरिका की मदद, कहा- अमेरिकी सैन्य अड्डा नहीं बनने देंगे

इस्लामाबाद, एएनआइ। अफगानिस्तान से विदेशी सेनाओं की वापसी के बीच तालिबान को संरक्षण दे रहे पाकिस्तान ने कहा है कि वह अपने देश की जमीन पर अमेरिका या किसी भी अन्य विदेशी सेना का अड्डा नहीं बनने देगा।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और नाटो देशों की सेना वापसी कर रही हैं। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अफगानिस्तान में आतंकी सगठनों के कब्जे की आशंका में पड़ोसी देशों में सैन्य अड्डा बनाने की संभावना तलाश कर रहे हैं। अमेरिका का मकसद अफगानिस्तान पर नजदीक रहकर निगाह रखना है। साथ ही मदद की जरूरत हो तो तत्काल सैन्य कार्रवाई की जा सके।

पाक विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने का हामी है। इसके लिए वह निरंतर अपनी भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति का राजनीतिक समाधान निकाला जाना चाहिए। अफगान सरकार और तालिबान के बीच ईद पर युद्धविराम का फैसला भी स्वागत योग्य है।

उल्लेखनीय है कि सेना की वापसी के बीच अलकायदा ने यह घोषणा कर दी है कि वह तालिबान के साथ जल्द अफगानिस्तान लौटेगा। अमेरिका इससे निबटने की रणनीति पर काम कर रहा है।

आधिकारिक रूप से अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो सेना की वापसी शुरू हो गई है। अमेरिका ने एक मई से सेना वापसी का निर्णय लिया था। पूरी सेना की वापसी 11 सितंबर तक होगी। अफगानिस्तान में ढाई हजार से ज्यादा अमेरिकी और सात हजार नाटो देशों के सैनिक वर्तमान में तैनात हैं। विदेशी सेना की वापसी से पहले पूरा माहौल बदला-बदला सा है। सेना अपने साजो सामान का हिसाब-किताब कर रही है। कुछ सामान और हथियार लिस्ट बनाकर अफगानिस्तान की सेना को सौंपे जा रहे हैं। कुछ सामान अफगानिस्तान के बाजार में बेचा गया है और जो उपकरण अमेरिका ले जाने हैं, उनको सी-17 कार्गो विमान में लादा जा रहा है।

वहीं, अलकायदा दोबारा अफगानिस्तान आने की धमकी दे चुका है और साथ ही कह चुका है कि उसकी अमेरिका से लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी।

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