पाक पीएम इमरान खान के भतीजे की पुलिस कर रही तलाश, वो ट्वीटर पर मांग रहे माफी

इमरान खान के भतीजे को पुलिस एक अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में तलाश कर रही है मगर वो उनकी पकड़ में नहीं आ रहे हैं। दो बार छापेमारी हो चुकी है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 01:26 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 10:20 AM (IST)
पाक पीएम इमरान खान के भतीजे की पुलिस कर रही तलाश, वो ट्वीटर पर मांग रहे माफी
पाक पीएम इमरान खान के भतीजे की पुलिस कर रही तलाश, वो ट्वीटर पर मांग रहे माफी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान में अजीबोगरीब हालात है। एक ओर पाकिस्तान पुलिस प्रधानमंत्री इमरान खान के भतीजे को एक प्रदर्शन के मामले में तलाश कर रही है वहीं दूसरी ओर वो ट्वीटर पर इस घटना के लिए माफी मांग रहे हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान में सूचना तंत्र और उनका खुफिया तंत्र कितना मजबूत होगा।

इमरान के भतीजे हसन नियाजी सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर का इस्तेमाल करते हुए अस्पताल में हुई घटना के लिए माफी मांग रहे हैं। पुलिस उनको पकड़ने के लिए दो बार उनके घर पर छापे मार चुकी है मगर वो पुलिस की पकड़ में नहीं आए। इससे पहले ट्वीट करते हुए वो सरकार को भी आड़े हाथों ले चुके हैं उसके बाद वो अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आए हैं। ट्वीटर के लिए वो मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे होंगे मगर पाकिस्तान के पास शायद अभी ऐसी तकनीकी नहीं है जिससे वो मोबाइल के माध्यम से हसन नियाजी तक पहुंच सके।

अस्पताल में हिंसा के मामले में इमरान के भतीजे की तलाश

मालूम हो कि लाहौर के पंजाब इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी अस्पताल में हिंसा हो गई थी। इस घटना में तीन मरीजों की मौत हुई थी। हसन उन सैकड़ों वकीलों में शामिल थे जिन्होंने शहर के एक अस्पताल में डॉक्टरों से विवाद होने के बाद तोड़फोड़ की थी।

इस मामले में शांति बहाली के लिए रॉयट पुलिस को बुलाना पड़ा था। अस्पताल के स्टाफ को मारते और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते सूट और टाई पहने वकीलों की तस्वीरें सामने आई थीं। इससे लोगों को धक्का लगा था और उन्होंने घटना की निंदा की थी। लोग जब वकीलों की निंदा कर रहे थे तब हसन नियाजी की तस्वीरें और फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे थे।

After watching this clip I feel ashamed of myself. This is murder!!!

My support and protest was limited to initiation of legal action against the concerned doctors. I only stand for peaceful protests.

It’s sad day and I condemn my own self for supporting this protest now pic.twitter.com/Pc6FKaYypo — Hassaan Niazi (@HniaziISF) December 11, 2019

ट्वीटर पर जताया खेद 

हसन नियाजी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने लाहौर के पंजाब इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में हुई हिंसा में भाग लिया था और ट्विटर पर इसके लिए उन्होंने खेद भी जताया था। इमरान खान के भतीजे वीडियो में हमला करते देखे जा सकते हैं और उन्होंने एक पुलिस वैन को आग के भी हवाले किया था। इसमें वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता हसन नियाजी को पुलिस द्वारा पकड़े हुए दिखाया गया था और उन्हें उस क्षेत्र से बाहर निकलते देखा गया था लेकिन हिंसा के मामले में जो लोग कोर्ट की कार्रवाई का सामना करने वाले हैं उस पुलिस रिपोर्ट में नियाजी का नाम नहीं है। लाहौर पुलिस ने हसन के घर पर छापेमारी की लेकिन वो उनको नहीं मिले, उनका कहना है कि वो कहीं छिप गए हैं।

दो बार हुई छापेमारी 

प्रशासन ने अभी तक यह नहीं साफ किया है कि हिरासत के बाद क्या हुआ था। लेकिन शहर के पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता का कहना है कि हसन की वीडियो फ़ुटेज के जरिए पहचान की गई है और उनकी तलाश जारी है। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि हसन को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर में उनके घर पर पुलिस ने बुधवार रात और शुक्रवार की सुबह छापेमारी की लेकिन वो वहां नहीं मिले और हो सकता है कि वो कहीं छिप गए हों।

उनको लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कुछ का मानना है कि वो इसलिए आजाद हैं क्योंकि प्रधानमंत्री से उनका संबंध है। विपक्षी नेता हसन को गिरफ्तारर करने की मांग कर रहे हैं। अस्पताल पर हमले के मामले में 80 से अधिक वकीलों को गिरफ्तार किया गया था और 46 की रिमांड ली गई है।

क्यों हुई थी अस्पताल में हिंसा? 

20 नवंबर से युवा वकीलों में काफी गुस्सा है। दरअसल उनमें से आधा दर्जन वकील अपने एक साथी की बीमार माँ के इलाज के लिए अस्पताल में उसके साथ गए थे। वहां उनमें और अस्पताल के कर्मचारियों और ड्यूटी पर एक डॉक्टर के साथ बहस हो गयी, जो हाथापाई में तब्दील हो गयी जिसमें वकीलों को अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा बाहर निकाल दिया गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस शिकायतें दर्ज कीं लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।

दुर्व्यवहार पर कर रहे थे प्रदर्शन

अस्पताल स्टाफ द्वारा कथित तौर पर वकीलों के साथ दुर्व्यवहार करने के खिलाफ वकील प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन यह मामला हिंसा में तब बदल गया जब एक डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर वकीलों का मजाक उड़ाते हुए एक वीडियो पोस्ट कर दिया। वीडियो में दिख रहा है कि अगले दिन वकीलों ने अस्पताल के वॉर्ड में तोड़फोड़ की, स्टाफ को पीटा और उपकरणों को तोड़ दिया। जैसे यह मामला बढ़ता गया, डॉक्टर और पैरामेडिक्स छिप गए जिसके कारण मरीजों का इलाज नहीं हो सका। इसी हिंसा के दौरान एक महिला और दो पुरुषों की मौत हुई है क्योंकि डॉक्टर उन्हें देख नहीं पाए थे। 

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