जानें, पायलट की किस चूक से हुआ पाक विमान हादसा, बचाई जा सकती थी 91 यात्रियों की जान
पायलट ने विमान की ऊंचाई और गति के बारे में चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था क्योंकि विमान लैंडिंग के करीब पहुंच गया था।
कराची, एजेंसी। कराची में दुर्घटनाग्रस्त हुए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के पायलट ने अगर हवाई यातायात नियंत्रण चेतावनी पर अमल किया होता तो पाकिस्तान में एक बड़े विमान हादसे को टाला जा सकता था। पायलट ने विमान की ऊंचाई और गति के बारे में चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था, क्योंकि विमान लैंडिंग के करीब पहुंच गया था।
हवाई यातायात नियंत्रण की रिपोर्ट
दोपहर 1:05 बजे : पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का विमान लाहौर हवाई अड्डे से रवाना हुआ। इस दोपहर 2:30 बजे (स्थानीय समय) पर कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयपोर्ट पर उतरना था।
पहली चेतावनी जारी
दोपहर 2:30 बजे : विमान को 2:30 बजे अपने गंतव्य कराची एयपोर्ट पर लैंडिग करना था, लेकिन उस वक्त वह कराची से 15 समुद्री मील दूर था। हवाई यातायात नियंत्रण ने पायलट को पहली चेतावनी जारी की। चेतावनी के वक्त विमान 7000 फीट की जगह जमीन से 10000 फीट की ऊंचाई पर था। पायलट से विमान की ऊंचाई को कम करने के लिए चेतावनी जारी की गई।
दूसरी चेतावनी जारी
पहली चेतावनी के कुछ मिनट बाद ही हवाई यातायात नियंत्रण ने दूसरी चेतावनी जारी की। एक बार फिर पायलट से विमान की गति और ऊंचाई को लेकर एलर्ट किया गया। लेकिन दूसरी चेतावनी को भी पायलट ने नजरअंदाज किया। उस वक्त पायलट ने हवाई यातायात नियंत्रण को जवाब दिया कि वह संतुष्ट है और स्थिति को संभाल लेगा। पायलट ने इसके बाद कहा कि वह लैंडिंग के लिए तैयार था।
पाकिस्तान में एक बड़ा विमान हादसा
बता दें कि शुक्रवार को पाकिस्तान में एक बड़ा विमान हादसा हुआ था। लाहौर से कराची जा रहा पीआईए का एक विमान कराची हवाई अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। समाचार एजेंसी एएफपी ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि इस विमान दुर्घटना में 97 लोगों की मौत हुई है। दो लोग इस हादसे में बच गए। हादसे के वक्त विमान में 99 लोग सवार थे। इसमें 91 यात्री और 8 क्रू सदस्य थे।
शवों की पहचान के लिए डीएन परीक्षण
पाकिस्तान के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए हवाई जहाज में गंभीर रूप से जले हुए शवों की पहचान के लिए डीएन परीक्षण कराया गया। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि जले हुए शव इतने क्षतिग्रस्त हो गए है कि उनकी पहचान करने में मुश्किलें पैदा हुईं। अधिकारियों ने यात्रियों के परिजनों से आग्रह किया कि मृतकों की पहचान के अपना नमूना देने आएं।
पांच व्यक्तियों की पहचान हुई
जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर के बाहर एक पुलिस अधिकारी ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से बताया कि एक लड़की सहित अब तक केवल पांच व्यक्तियों की पहचान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि परिवारों के लिए मृतक की पहचान करना लगभग असंभव था, क्योंकि शव गंभीर रूप से जले हुए थे। जियो न्यूज ने बताया कि कराची विश्वविद्यालय की फॉरेंसिक डीएनए प्रयोगशाला में डीएनए परीक्षण के लिए संग्रह किया गया है।
लोग चमत्कारिक रूप से बचे
दुर्घटना में दो लोग चमत्कारिक रूप से बच गए। उनमें से एक बैंक ऑफ पंजाब के अध्यक्ष जफर मसूद हैं, जिन्होंने अपनी भलाई के लिए अपनी मां को फोन किया। एक अन्य जीवित व्यक्ति ने जियो न्यूज को बताया कि वह एक मैकेनिकल इंजीनियर है। वह गुजरांवाला में एक परियोजना पर काम करने के बाद ईद के लिए अपने घर जा रहा था।