पाक ने आतंकवाद के खिलाफ एफएटीएफ के दिशानिर्देशों का नहीं किया अमल, ग्रे लिस्ट से निकलना मुश्किल

एफएटीएफ पाकिस्तान पर दबाव कम नहीं करेगा और उसे बाकी छह बिंदुओं पर भी कार्य करने का कड़ा निर्देश देकर ग्रे लिस्ट में बनाए रखेगा। महामारी के चलते जून में होने वाला एफएटीएफ का सेशन अब अक्टूबर में हो रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:17 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 07:17 PM (IST)
पाक ने आतंकवाद के खिलाफ एफएटीएफ के दिशानिर्देशों का नहीं किया अमल, ग्रे लिस्ट से निकलना मुश्किल
आतंकवाद के खिलाफ पाक के कदमों की होगी समीक्षा।

इस्लामाबाद, प्रेट्र। तंगहाली के शिकार पाकिस्तान के एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर आने की संभावना फिलहाल नहीं है। उसने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के 27 बिंदुओं वाले दिशानिर्देशों में से छह बिंदुओं पर लेश मात्र भी अमल नहीं किया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान सरकार ने गुपचुप तरीके से पांच हजार से ज्यादा आतंकियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है। हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर जैसे संयुक्त राष्ट्र के घोषित आतंकी सरगनाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। एफएटीएफ का वर्चुअल सेशन 21 से 23 अक्टूबर के बीच पेरिस में होगा। इसमें पाकिस्तान के कार्यो की समीक्षा होगी।

एफएटीएफ दुनिया भर में आतंकी संगठनों की निगरानी करता है

एफएटीएफ दुनिया भर में आतंकी संगठनों व आपराधिक गिरोहों के आर्थिक तंत्र और अवैध रूप से दूसरे देशों को धन भेजने के मामलों की निगरानी करता है। आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में मिल रहे सरकारी प्रश्रय पर कई वर्षो से एफएटीएफ की नजर है। कई बार चेतावनी देने के बाद संस्था ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया और दिशानिर्देश तय कर कार्रवाई की जिम्मेदारी डाल दी।

पाकिस्तान की आर्थिक दशा बेहद खराब

एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाले जाने से पाकिस्तान को वैश्विक आर्थिक संस्थाओं से मदद मिलने में बाधा आने लगी। इससे उसकी आर्थिक दशा और पतली हो गई। बावजूद इसके वह जमीन पर आतंकियों के खिलाफ कुछ खास नहीं कर पाया। कार्रवाई में पाकिस्तान की कोताही को देखते हुए एफएटीएफ ने उसे ब्लैक लिस्ट में डालने की भी कोशिश की, लेकिन चीन, तुर्की और मलेशिया ने उसे बचा लिया। पाकिस्तान के ये दोस्त उसे ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकाल पाए।

पाकिस्तान इस बार भी ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ सकेगा

पाकिस्तान के राजनयिकों को भी अंदाजा है कि इस बार भी उनका देश ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आ सकेगा। हां, जून 2021 में ऐसी कोई संभावना बन सकती है। प्रमुख पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने यह बात लिखी है। राजनयिकों को भरोसा है कि ब्लैक लिस्ट में जाने से खुद को बचाने में पाकिस्तान इस बार भी सफल हो जाएगा।

पाक आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए 21 बिंदुओं पर कर रहा कार्य

एफएटीएफ के समीक्षा समूह को जानकारी है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए 21 बिंदुओं पर कार्य कर रहा है। इसका फायदा पाकिस्तान को मिल सकता है। इसके आधार पर वह ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बच सकता है।

एफएटीएफ पाकिस्तान पर दबाव कम नहीं करेगा

प्रेक्षकों के अनुसार एफएटीएफ पाकिस्तान पर दबाव कम नहीं करेगा और उसे बाकी छह बिंदुओं पर भी कार्य करने का कड़ा निर्देश देकर ग्रे लिस्ट में बनाए रखेगा। एफएटीएफ पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर और अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम पर कार्रवाई की अपेक्षा करेगा। पाकिस्तान को कोविड महामारी के चलते तीन महीने की राहत पहले ही मिल चुकी है। क्योंकि महामारी के चलते जून में होने वाला एफएटीएफ का सेशन अब अक्टूबर में हो रहा है।

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