राजनयिकों को वापस बुलाने पर अफगान सरकार से चिढ़ा पाक, बताया दुर्भाग्यपूर्ण कदम

अफगान विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोषियों की गिरफ्तारी व सजा होने और सुरक्षा संबंधी खतरे पूरी तरह खत्म होने तक अफगान सरकार ने राजदूत और सभी वरिष्ठ राजनयिकों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का फैसला लिया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 01:25 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 01:25 PM (IST)
राजनयिकों को वापस बुलाने पर अफगान सरकार से चिढ़ा पाक, बताया दुर्भाग्यपूर्ण कदम
राजदूत अलीखिल की बेटी को अगवा कर यातनाएं देने के बाद उठाया कदम

इस्लामाबाद, एएनआइ। अफगान राजदूत की बेटी को अगवा कर उन्हें यातनाएं देने की शर्मनाक घटना से नाराज अफगानिस्तान सरकार ने पाकिस्तान से अपने राजदूत और राजनयिकों को वापस बुला लिया है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के सभी वरिष्ठ राजनयिकों के साथ इस्लामाबाद से राजदूत को वापस बुलाने के फैसले की आलोचना की है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मंत्रालय ने अफगान सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने को भी कहा है। इससे पहले रविवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह एक राजदूत की बेटी के अपहरण के मद्देनजर सभी वरिष्ठ राजनयिकों के साथ इस्लामाबाद से राजदूत को वापस बुला ले।

अफगान विदेश मंत्रालय के अनुसार, अफगान राजनयिक तब तक पाकिस्तान नहीं लौटेंगे जब तक कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती और दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता। राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की बेटी सिलसिला अलीखिल को इस्लामाबाद में कुछ अज्ञात लोगों ने अगवा कर यातनाएं दी थीं। घायल सिलसिला का अभी इलाज चल रहा है।

तालिबान आतंकियों की मदद के आरोपों से घिरी पाकिस्तान सरकार की परेशानी इस घटना से बहुत बढ़ गई है। मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान चाहते हैं कि दोषियों को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए। समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक, पाकिस्तान ने रविवार को बताया कि अफगान राजदूत की बेटी ने अपहरण से पहले जिन टैक्सियों पर सवारी की थी, उनके चालकों से पूछताछ की गई है और मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।

सिलसिला अलीखिल का उस वक्त अपहरण किया गया, जब वह टैक्सी से कहीं जा रही थीं। अलीखिल राजधानी के एफ-9 पार्क इलाके में पाई गई थीं और उनके शरीर पर प्रताड़ना के निशान थे। गृह मंत्री शेख राशिद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'पुलिस अफगान राजदूत की बेटी के मामले की जांच कर रही है। अपहरणकर्ताओं को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।' हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही राशिद अपने बयान से पलट गए और एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि राजदूत की बेटी का अपहरण नहीं हुआ था। वह अपनी मर्जी से रावलपिंडी गई थीं। हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं।

इस बीच, अलीखिल ने पुलिस को बताया कि वह उपहार खरीदने गई थीं। लौटते वक्त पांच मिनट के सफर के बाद टैक्सी चालक वाहन सड़क किनारे ले गया। वहीं एक अन्य व्यक्ति आ गया और उस पर चिल्लाने लगा। फिर उसने मारपीट शुरू कर दी। अलीखिल ने कहा, 'मैं डर के मारे बेहोश हो गई। होश आने पर मैंने खुद को गंदे स्थान पर पाया। इसके बाद मैंने पास के एक पार्क में जाने के लिए टैक्सी की और वहां से अपने पिता के सहयोगी को फोन किया, जो मुझे घर लेकर गए।'

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