पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को कोर्ट का नोटिस, मानहानि का आरोप

इमरान खान ने कहा था कि शहबाज शरीफ ने पनामा पेपर्स मामले से नवाज शरीफ का नाम हटवाने के लिए बड़ी धनराशि का ऑफर दिया था।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 11:41 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 11:41 AM (IST)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को कोर्ट का नोटिस, मानहानि का आरोप
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को कोर्ट का नोटिस, मानहानि का आरोप

लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) को मानहानि मामले में पाकिस्तान की कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, कोर्ट में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PML-N) के अध्यक्ष शाहबाज  शरीफ (Shahbaz Sharif) द्वारा देश के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया गया। प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2017 में शाहबाज  पर घूस देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि शाहबाज ने उन्हें 61 मिलियन डॉलर की रकम घूस के तौर पर देने की पेशकश की थी और कहा था कि उनके 70 वर्षीय बड़े भाई व देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम सुप्रीम कोर्ट में पनामा पेपर्स मामले से हटवा दें।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का लंदन में इलाज चल रहा है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य करार दिया था। उनके व शरीफ परिवार के खिलाफ 2017 में भ्रष्टाचार रोधी मामले दर्ज हुए जिनमें एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज (Avenfield properties), फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट ( Flagship investment) व अल-अजीजिया स्टील मिल्स (Al-Azizia steel mills) के तीन मामले हैं।  हालांकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने उस शख्स का नाम नहीं बताया जो शाहबाज की ओर से धनराशि लेकर आया था। शाहबाज के वकील ने कोर्ट में बताया, 'इस मामले में किए गए कुल 60 सुनवाईयों में इमरान खान के वकील ने 33 बार स्थगन प्रस्ताव दिया। आखिरी सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि प्रधानमंत्री के वकील सलाहकार बाबर अवन कोविड-19 के कारण इस्लामाबाद से लाहौर नहीं आ सके और कोर्ट ने मामले पर सुनवाई को 22 जून के लिए स्थगित कर दिया।' अपनी याचिका में शाहबाज ने सार्वजनिक तौर पर छवि खराब करने के एवज में कोर्ट से 61 मिलियन डॉलर के मुआवजे की मांग करते हुए नोटिस जारी करने की मांग की।

बता दें कि 12 जून को सरकार देश का नया बजट पेश करने वाली है। अभी देश के आर्थिक हालात ठीक नहीं है और सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है।

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