पाकिस्तान के पेशावर में स्कूल हमले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश
इस मामले में प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आतंकी हमले में मारे गए बच्चों के परिजनों की शिकायत पर स्वत संज्ञान लिया था। स्वत संज्ञान पर आधारित मामले की पीठ ने सुनवाई की।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 2014 में पेशावर स्कूल हमले पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। उत्तर पश्चिम शहर पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में 16 दिसंबर 2014 को घुस आए तालिबान आतंकियों ने 131 छात्रों समेत कम से कम 150 लोगों की हत्या कर दी थी।प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आतंकी हमले में मारे गए बच्चों के परिजनों की शिकायत पर स्वत: संज्ञान लिया था। स्वत: संज्ञान पर आधारित मामले की पीठ ने सुनवाई की।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि नृशंस घटना में शामिल असली दोषियों को अधिकारियों ने गिरफ्तार नहीं किया है।पूर्व प्रधान न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने परिजनों के आग्रह पर 2018 में जांच आयोग का गठन किया था। जांच आयोग की अध्यक्षता पेशावर हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस इश्तियाक इब्राहिम खान ने की थी। एक सदस्यीय आयोग ने नौ जुलाई को शीर्ष कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में 101 गवाहों, 31 पुलिसकर्मियों, सैन्यकर्मियों और अन्य अधिकारियों समेत 132 लोगों के बयान शामिल हैं।
आरोपित के जेल से भागने पर सरकार से सवाल
इससे पहले पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान के जेल से भागने के मामले ने तूल पकड़ा था। 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमले में मारे गए छात्रों के परिजनों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद से दखल की गुजारिश की। परिजनों ने अपनी अर्जी में आतंकी के जेल से भागने के मामले में सरकार से जवाब मांगने के साथ ही आरोप लगाया है कि सरकार उन्हें न्याय दिलाने में विफल रही।
परिजनों ने अपनी अर्जी में कहा, हमारे बच्चे आर्मी पब्लिक स्कूल पर आतंकी हमले में मारे गए थे। हमें यह जानकर गहरा धक्का लगा कि हमले का मुख्य आरोपित एहसानुल्ला एहसान जेल से भाग गया है। क्या वह खुद भागा है या फिर उसे कुछ शर्तो के साथ रिहा किया गया है।