कराची प्लेन क्रैश मामले की जांच टीम में एक भी कामर्शियल पायलट नहीं, उठने लगे सवाल

इस हादसे की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में हर हाल में कामर्शियल पायलट के किसी न किसी अधिकारी या सदस्य को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए था जिससे चीजें जल्दी स्पष्ट हो सकती थीं।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 11:33 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 11:33 AM (IST)
कराची प्लेन क्रैश मामले की जांच टीम में एक भी कामर्शियल पायलट नहीं, उठने लगे सवाल
कराची प्लेन क्रैश मामले की जांच टीम में एक भी कामर्शियल पायलट नहीं, उठने लगे सवाल

इस्लामाबाद। कराची में बीते शुक्रवार को हुए विमान हादसे की जांच के लिए गठित किए गए जांच दल पर सवाल उठाए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने जांच के लिए जो दल बनाया है उसमें कामर्शियल पायलट के किसी को भी शामिल नहीं किया गया है। 

पाकिस्तान की वेबसाइट डॉन के अनुसार जो विमान हादसे का शिकार हुआ है उसे एक कामर्शियल पायलट चला रहा था, ऐसे में इस जांच कमेटी में किसी भी कामर्शियल पायलट को शामिल न किया जाना तमाम तरह के सवाल उठा रहा है। इस हादसे की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में हर हाल में कामर्शियल पायलट के किसी न किसी अधिकारी या सदस्य को अवश्य शामिल किया जाना चाहिए था जिससे चीजें जल्दी स्पष्ट हो सकती थीं। इस विमान हादसे को एक कामर्शियल पायलट ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकता है।

पाकिस्तान एयरलाइंस पायलट एसोसिएशन के सचिव कैप्टन इमरान नारेजो ने कहा कि जांच दल संतुलित नहीं है क्योंकि इसमें कमर्शियल पायलट का प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि कमर्शियल जेट के साथ हुए हादसे को कमर्शियल पायलट अधिक बेहतर तरीके से समझ सकता है। जिन लोगों को विमान हादसे की जांच की जिम्मेदारी दी गई है उसमें चार विमान दुर्घटना जांच बोर्ड के सदस्य हैं जिनमें से दो वायुसेना अधिकारी हैं जबकि एक अन्य सदस्य को पाकिस्तान वायुसेना के सुरक्षा बोर्ड से लिया गया है। इस टीम में एक भी कामर्शियल पायलट को नहीं रखा गया है।

इन चार सदस्यों से ही कम से कम समय में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। ऐसे में ये रिपोर्ट कितनी सही होगी ये सोचने वाली बात है। इसी को लेकर पायलट एसोसिएशन ने ऐतराज जताया है। एसोसिएशन के सचिव कैप्टन इमरान का कहना है कि जब रिपोर्ट भी जल्दी देनी है तो टीम को और बेहतर बनाया जाना चाहिए था। इसी जांच टीम से जुड़े एक अन्य अधिकारी का भी कहना है कि यदि रिपोर्ट जल्दी चाहिए थी तो कम से कम टीम में विमान की जानकारी रखने वाले पायलट को अवश्य रखना चाहिए था, उसके होने से बेहतर जांच हो पाती, कारणों का पता भी चल पाता।

जांचकर्ताओं को पायलट की शारीरिक और मानसिक स्थिति, विमान की उड़ान योग्यता, लैंडिंग के लिए दृष्टिकोण के दौरान होने वाली खराबी, और दुर्घटना में योगदान दे सकने वाले किसी भी अन्य कारक सहित विभिन्न कोणों से दुर्घटना को देखना होगा। मालूम हो कि पाकिस्तान एयरलाइंस का विमान शुक्रवार को कराची की रिहाइशी बस्ती पर गिर गया था। इस हादसे में विमान में सवार 99 लोगों में से 97 की मौत हो गई। दो लोग चमत्कारिक रूप से बच गए थे। इसी हादसे की जांच के लिए इस टीम का गठन किया गया है।  

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