पाकिस्‍तान में इमरान सरकार के कार्यकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का नया तरीका

अल्पसंख्यक लड़कियों को अगवा कर उन्हें मुस्लिम बनाने और उनसे शादी करने का सिलसिला काफी पुराना है। अल्पसंख्यकों के आराधना स्थलों को तोड़े और जलाए जाने की घटनाएं भी होती रहती हैं

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:28 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 09:28 PM (IST)
पाकिस्‍तान में इमरान सरकार के कार्यकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का नया तरीका
पाकिस्‍तान में इमरान सरकार के कार्यकाल में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का नया तरीका

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान बनने के बाद से ही वहां रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों वाला सुलूक हो रहा है। अब उनसे नौकरी के लिए धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इमरान खान की सरकार के कार्यकाल में इस तरह के कई उदाहरण सामने आए हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों के साथ दशकों से भेदभाव और उनका उत्पीड़न हो रहा है।

अल्पसंख्यक लड़कियों को अगवा कर उन्हें मुस्लिम बनाने और उनसे शादी करने का सिलसिला काफी पुराना है। अल्पसंख्यकों के आराधना स्थलों को तोड़े और जलाए जाने की घटनाएं भी होती रहती हैं, लेकिन रोजगार देने के लिए धर्म परिवर्तन कराए जाने का वाकया नया है। जून में सिंध प्रांत के बादिन जिले में इस तरह से कई हिंदू परिवारों का धर्म परिवर्तन कराए जाने का मामला सामने आया है। प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सावन भील और उनके परिजनों को बीते जून में मुस्लिम बनाया गया, अब उनका नाम मुहम्मद असलम शेख है।

असलम बताते हैं कि उन्हें नौकरी इसलिए चाहिए थी, क्योंकि उन्हें उससे तनख्वाह के साथ सामाजिक पहचान भी मिल जाती। जब उन्होंने वह पाने की कोशिश की, तो उनके सामने धर्म परिवर्तन की शर्त रखी गई। कोई और रास्ता न होने की वजह से उन्हें वह शर्त माननी पड़ी। असलम ने बताया कि जून में बादिन में हुए कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोगों ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम ग्रहण किया। पाकिस्तान की आर्थिक दशा पहले से ही खराब है। कोविड महामारी के चलते हालात और खराब हो गए हैं। ऐसे में रोजगार के लिए धर्म परिवर्तन कराने का सिलसिला और तेज होने की आशंका है।

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