भारत-पाक के संबंधों को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला ने बताया अपना सपना, आप भी जानें
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) का कहना है कि सीमाओं और विभाजनों वाले पुराने दर्शन अब काम नहीं करते... मौजूदा वक्त में भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के लोग शांति और सुकून से रहना चाहते हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) का कहना है कि सीमाओं और विभाजनों वाले पुराने दर्शन अब काम नहीं करते... मौजूदा वक्त में भारत और पाकिस्तान के लोग शांति और सुकून से रहना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना भारत और पाकिस्तान को अच्छे दोस्त बनते देखना है। मलाला ने कहा कि जहां तक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मसला है तो हर देश में इनको सुरक्षा की जरूरत है चाहे वह पाकिस्तान हो या भारत... यह मसला धर्म से नहीं जुड़ा है वरन अधिकारों के हनन से जुड़ा हुआ है जिसको गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
मलाला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अच्छे दोस्त बनते देखना मेरा सपना है ताकि हम एक-दूसरे के मुल्कों में आवाजाही कर सकें। हिंदुस्तान के लोग पाकिस्तानी नाटकों का लुत्फ उठा सकते हैं और हम बॉलीवुड फिल्में देखना और क्रिकेट मैचों का आनंद ले सकते हैं। जयपुर साहित्य महोत्सव के समापन दिवस के मौके पर अपनी किताब 'आई एम मलाला : द स्टोरी ऑफ द गर्ल हू स्टूड अप फॉर एजुकेशन एंड शॉट बाई द तालिबान' पर अपने विचार जाहिर कर रही थीं। मैं उस दिन का इंतजार कर रही हूं जब हर लड़की को स्कूल जाने का मौका मिलेगा।
डिजिटल तरीके से आयोजित किए गए महोत्सव में मलाला ने कहा कि आप भारतीय और मैं पाकिस्तानी हूं... हम बिल्कुल दुरुस्त हैं फिर हमारे बीच यह नफरत की दीवारें क्यों... सीमाओं, विभाजनों और फूट डालो राज करो की नीति पुरानी हो चुकी है। अब यह काम नहीं करती है क्योंकि हम सभी शांति से रहना चाहते हैं। मलाला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के असली दुश्मन गरीबी, भेदभाव और असमानता है। दोनों ही मुल्कों को एकजुट होकर इनका मुकाबला करना चाहिए... ना की एक दूसरे से लड़ना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आतंकवाद को लेकर दुनिया में चौतरफा घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कल शनिवार को भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी लंबित मसलों को वार्ता के जरिए सुलझाने के लिए तैयार रहना चाहिए। मालूम हो कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अन्य सेक्टरों में पाकिस्तान और भारत की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम के सभी समझौतों के अनुपालन पर रजामंद होने के बाद इमरान ने पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की है।