चीन में उइगरों के उत्‍पीड़न का बचाव करने के लिए भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा, जानें क्‍या कहा

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से शिनजियांग प्रांत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और मूलवासियों की सुरक्षा के प्रयासों के लिए अपने मित्र चीन की प्रशंसा की। इस पर भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। जानें भारत ने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:03 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:12 PM (IST)
चीन में उइगरों के उत्‍पीड़न का बचाव करने के लिए भारत ने पाकिस्तान को लताड़ा, जानें क्‍या कहा
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से चीन की प्रशंसा की। इस पर भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया...

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच को झूठे और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल करने पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच से शिनजियांग प्रांत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और मूलवासियों की सुरक्षा के प्रयासों के लिए अपने मित्र चीन की प्रशंसा की है। जबकि शिनजियांग में अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों के दिल दहलाने वाले उत्पीड़न पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी वर्षों से चिंता जता रही है।

संयुक्त राष्ट्र आमसभा की तृतीय समिति की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि के बोलने के बाद जवाब में भारतीय प्रतिनिधि ने यह बात कही। इस समिति में सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक मसलों पर चर्चा होती है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने अपने उद्बोधन में जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार के लिए हमेशा संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल करता है। इसलिए हम झूठे प्रचार के तहत किए गए पाकिस्तानी प्रतिनिधि के दावों का खंडन करते हैं। शर्मा ने कहा, भारत बहुधर्मी, भिन्नता वाले मूलवासियों का बहुभाषी देश है। वह उच्च लोकतांत्रिक मूल्यों पर कानून को सर्वोपरि मानते हुए चलने वाला देश है।

शर्मा ने कहा, भारत को लेकर पाकिस्तान के झूठे दावे हैरान करने वाले हैं। ये दावे वह देश कर रहा है जहां पर धार्मिक अल्पसंख्यकों का केवल उत्पीड़न होता है। उन्हें बराबरी का दर्जा दिया जाना तो बहुत दूर की बात है। जबकि भारत में अल्पसंख्यक पूरी स्वतंत्रता से मानवाधिकारों का लाभ ले रहे हैं। संविधान प्रदत्त फायदे लेते हुए हंसी-खुशी से रह रहे हैं।

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए प्रगतिवादी कानून से जम्मू-कश्मीर में शांति और आर्थिक विकास की संभावनाएं पैदा हुई हैं। जल्द ही नए कानूनों का असर देखने को मिलेगा। नए कानूनों से जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को नए अधिकार मिले हैं और उनके लिए रोजगार के नए अवसर खुले हैं। 

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