पाकिस्तान में मंदिर बनाने को लेकर हिंदुओं के खिलाफ नफरत की लहर, म्यूजिक वीडियो में कहे गए अपशब्द
धार्मिक कट्टरता फतवों धमकियों और राजनीतिक विरोध के बीच मुस्लिम बहुल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण नए विवादों में घिर गया है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की राजधानी में एक हिंदू मंदिर का निर्माण क्या शुरू हुआ, देश में नफरत की लहर पैदा हो गई। कई पाकिस्तानी तो अपनी ही सरकार को हिंसा की धमकी दे रहे हैं और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहे हैं।
म्यूजिक वीडियो में हिंदुओं को हिंदुस्तानी कुत्ता बताया गया
इसी सिलसिले में किसी गुमनाम पाकिस्तानी गायक के म्यूजिक वीडियो में हिंदुओं को हिंदुस्तानी कुत्ते कहा गया है। यह घृणा-गीत सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में पाक सेना की फुटेज दिखाते हुए अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को औकात में रहने की धमकी दी गई है। धार्मिक कट्टरता, फतवों, धमकियों और राजनीतिक विरोध के बीच मुस्लिम बहुल पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहले हिंदू मंदिर का निर्माण नए विवादों में घिर गया है। इस्लामाबाद के एच-9 सेक्टर में श्रीकृष्ण मंदिर के निर्माण को लेकर ताजा विरोध से एक बार फिर यह साफ हो गया कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता के लिए कोई जगह नहीं बची है।
हिंदू मंदिर को लेकर क्या है विवाद
इस्लामाबाद में स्थानीय विकास प्राधिकरण ने पांच जुलाई को मंदिर के लिए आवंटित जमीन पर दीवार बनाने का काम रुकवा दिया था। प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इसका कारण यह बताया कि भवन निर्माण से संबंधित नक्शा अभी तक जमा नहीं कराया गया है।
पहले इमरान खान सरकार ने की थी मदद की घोषणा
न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक, मंदिर के लिए जमीन 2018 में तत्कालीन सरकार ने आवंटित की थी। तब इसके विरोध में बड़ी संख्या में मुस्लिम प्रदर्शनकारी यहां जमा हो गए थे। इसके बावजूद हिंदू अडिग रहे और पिछले महीने ही मंदिर का शिलान्यास किया गया। इसके बाद इमरान सरकार ने मंदिर के लिए करीब दस करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। फिलहाल, मौलवी-मौलाना फिर इस मामले में कूद पड़े हैं और हालात बदलने लगे हैं। कुछ मौलवी यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि पाकिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है, इसलिए यहां हिंदू मंदिर बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। वहीं, आम लोगों की शिकायत यह है कि सरकार उनके टैक्स का पैसा मंदिर पर खर्च कर रही है। मीडिया का एक वर्ग भी विरोध की इस मुहिम को हवा दे रहा है।
एक समूह ने मंदिर के लिए निर्माणाधीन दीवार को गिरा दिया
चौतरफा दबाव के मद्देनजर इमरान सरकार पिछले दिनों मंदिर के लिए आर्थिक मदद देने के फैसले से पीछे हट गई। हालांकि सरकार ने इस मामले में काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी से राय मांगी थी। बीते रविवार को यह मुद्दा तब और गरमा गया, जब एक समूह ने मंदिर की जमीन पर निर्माणाधीन दीवार को यह कहते हुए गिरा दिया कि यह उनका मजहबी फर्ज है। इस करतूत का वीडियो सोशल मीडिया में भी पोस्ट किया गया था। इसके बावजूद किसी की गिरफ्तारी न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी तकरीबन दो फीसद है। इसके बावजूद इस्लामाबाद में कोई हिंदू धर्मस्थल नहीं है। किसी परिजन की मृत्यु होने पर अंत्येष्टि के लिए भी ¨हदुओं को शव के साथ लंबा सफर करना पड़ता है।