अमेरिकी नेताओं के बयान से बौखलाए इमरान बोले- अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकाई

प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने की बहुत भारी कीमत चुकाई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी की अपमानजनक वापसी के लिए अमेरिकी राजनेताओं द्वारा पाकिस्तान को दोषी ठहराने से काफी दुख होता है।

By TaniskEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 05:37 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:59 PM (IST)
अमेरिकी नेताओं के बयान से बौखलाए इमरान बोले- अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकाई
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान । (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद, एएनआइ। अफगानिस्तान के मामले में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर अमेरिकी नेताओं के दगा देने के बयानों से पाक प्रधानमंत्री इमरान खान बौखला गए हैं। उन्होंने अब अपनी सफाई में कहा है कि पाक ने अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकाई है। रूसी मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के मामले में अमेरिका की विफलता के लिए बेवजह पाकिस्तान पर उंगली उठाई जा रही है।

इमरान की यह टिप्पणी अमेरिकी सीनेट में विदेशी मामलों की समिति में सीधे तौर पर पाकिस्तान को तालिबान की मदद करने के लिए जिम्मेदार ठहराने के बाद आई है। अमेरिकी सांसदों ने पाक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, 'एक पाकिस्तानी होने के नाते, उन सीनेटरों द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से मुझे बहुत दुख हुआ। अफगानिस्तान में इस पराजय के लिए पाकिस्तान को दोष देना हमारे लिए सुनने के लिए सबसे दर्दनाक बात है।'

जब अमेरिका में 9/11 का आतंकी हमला हुआ था तब पाकिस्तान की स्थिति खराब थी। जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके सत्ता हासिल की थी। वह तभी राष्ट्रपति बने थे और अपनी सरकार के लिए अमेरिका से सहायता की मांग कर रहे थे। अफगानिस्तान पर आक्रमण के लिए पाकिस्तानी समर्थन की प्रतिबद्धता ने अमेरिकी सैन्य सहायता को सुरक्षित करने में मदद की, लेकिन खान का मानना ​​है कि यह एक गलत फैसला था। इसने मुजाहिदीन ताकतों को अलग-थलग कर दिया, जिसे पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने दो दशक पहले अफगानिस्तान में अमेरिका के सोवियत विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में बनाने में मदद की थी।

इमरान ने इसे लेकर कहा, 'हमने उन्हें विदेशी आक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया था। यह एक पवित्र युद्ध था, एक जिहाद था। अमेरिकियों के आक्रमण के साथ, पाकिस्तान उन्हीं लोगों से कह रहा था कि 'अमेरिकियों के खिलाफ लड़ाई आतंकवाद है। इसलिए वे हमारे खिलाफ हो गए। उन्होंने हमें सहयोगी कहा।'

इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनीब्लिंकन ने पिछले महीने अफगानिस्तान से वापसी और लोगों को बचाने और भविष्य की तालिबान सरकार से निपटने के प्रयासों के बारे में अमेरिकी सांसदों के सवालों का सामना किया। पार्टी लाइन से हटकर सांसदों ने पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान में उसकी भूमिका के लिए और सख्त कार्रवाई की मांग की।

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