कश्मीर के लोगों को तय करने देंगे कि वे पाकिस्तान में शामिल होंगे या स्वतंत्र राष्ट्र बनेंगे- इमरान खान

पाकिस्तान की घोषित नीति से हटते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर के लोगों को यह तय करने देगा कि वे पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं या एक स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहते हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:39 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:39 AM (IST)
कश्मीर के लोगों को तय करने देंगे कि वे पाकिस्तान में शामिल होंगे या स्वतंत्र राष्ट्र बनेंगे- इमरान खान
कश्मीर के लोगों को तय करने देंगे कि वे पाकिस्तान में शामिल होंगे हैं या स्वतंत्र राष्ट्र बनेंगे- इमरान खान

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की घोषित नीति से हटते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर के लोगों को यह तय करने देगा कि वे पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं या एक स्वतंत्र राष्ट्र बनना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है भारत ने हमेशा जोर देकर कहा है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अंग था, है और हमेशा रहेगा। 25 जुलाई को चुनाव से पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (गुलाम कश्मीर) के तरार खल इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, खान ने एक प्रमुख विपक्षी नेता के दावों को भी खारिज कर दिया कि उनकी सरकार कश्मीर को पाकिस्तान का प्रांत बनाने की योजना पर काम कर रही है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज ने 18 जुलाई को गुलाम कश्मीर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कश्मीर की स्थिति को बदलने और इसे एक प्रांत बनाने का निर्णय लिया गया है।

कश्मीर जनता के साथ सेना अत्याचार

पिछले दिनों खबर आई थी कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जनता, सेना के अत्याचार के साथ ही अब सरकार की नीतियों का भी शिकार हो रही है। इमरान सरकार ने 2021 के बजट में सबसे कम धन आवंटित किया है। इससे सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों और जनता दोनों के ही तेवर तीखे हो गए थे। सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया था। विपक्षियों के साथ अत्याचार से पीड़ित जनता भी उठ खड़ी हुई हुई है। गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) विधानसभा में विपक्ष के नेता अमजद हुसैन ने जोर देकर कहा कि धन के आवंटन में भेदभाव अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा था कि धन वितरण में विपक्षी सदस्यों की अनदेखी की गई। उन्होंने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार (इमरान खान) ने अपनी नीति की समीक्षा नहीं की तो वे विरोध को और तेज करेंगे।

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