भारत को वार्ता का प्रस्ताव देकर विपक्ष के निशाने पर आए इमरान

जमीयत उलमा-ए-इंसाफ के सांसद अब्दुल गफूर हैदरी ने संसद को विश्वास में लिए बगैर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने पर इमरान की आलोचना की।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 04:57 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 10:32 PM (IST)
भारत को वार्ता का प्रस्ताव देकर विपक्ष के निशाने पर आए इमरान
भारत को वार्ता का प्रस्ताव देकर विपक्ष के निशाने पर आए इमरान

इस्लामाबाद, प्रेट्र। भारत के साथ वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव देकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्षी सांसदों ने इसके लिए उनकी तीखी आलोचना की है कि उन्होंने संसद को विश्वास में लिए बिना आतंकवाद और कश्मीर समेत अहम मसलों पर भारत के साथ फिर से वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव दिया।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, संसद के ऊपरी सदन सीनेट में सोमवार शाम को भारत के साथ वार्ता शुरू करने के लिए सरकार के प्रयासों पर चर्चा हुई। सीनेट के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता मियां रजा रब्बानी ने कहा, भारत के साथ वार्ता का प्रस्ताव दिया जाना समझ से परे है। प्रधानमंत्री मोदी का इमरान को लिखा पत्र शिष्टाचार संबंधी था, लेकिन इसके जवाब में वार्ता का प्रस्ताव दिया गया। रब्बानी ने इस पर भी आपत्ति जाहिर की कि पाकिस्तान आतंकवाद पर चर्चा को राजी है। जमीयत उलमा-ए-इंसाफ के सांसद अब्दुल गफूर हैदरी ने संसद को विश्वास में लिए बगैर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने पर इमरान की आलोचना की।

इमरान ने गत 14 सितंबर को लिखे पत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिवेशन के दौरान वार्ता की पेशकश की थी। इमरान ने यह खत प्रधानमंत्री मोदी के 18 अगस्त के उस पत्र के जवाब में लिखा था जिसमें मोदी ने उन्हें पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी थी। भारत ने पहले संयुक्त राष्ट्र में दोनों विदेश मंत्रियों की वार्ता के लिए हामी भी भर दी थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में तीन जवानों की हत्या और पाकिस्तान द्वारा आतंकी बुरहान वानी पर डाक टिकट जारी किए जाने के बाद भारत ने यह वार्ता रद कर दी।

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