आइएमएफ से पाकिस्तान को इस वजह से नहीं मिली वित्तीय मदद
आइएमएफ से बेलआउट पैकेज पाने की पाकिस्तान की योजना खटाई में पड़ गई है। दो हफ्ते तक चली बातचीत में दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से बेलआउट पैकेज पाने की पाकिस्तान की योजना खटाई में पड़ गई है। दो हफ्ते तक चली बातचीत में दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई। हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि बातचीत सकारात्मक दिशा में चल रही है और अगले कुछ हफ्ते में फैसला हो सकता है।
इससे पहले खबरों में कहा गया था कि आइएमएफ ने पाकिस्तान को सहायता देने से पहले उससे चीन से मिलने वाली वित्तीय सहायता की विस्तृत जानकारी मांगी है। आइएमएफ ने ईधन की कीमतें बढ़ाने और ज्यादा टैक्स लगाने जैसी शर्ते भी रखी हैं। पाकिस्तान इस समय नकदी संकट से जूझ रहा है। इस संकट से बाहर निकलने के लिए उसने आइएमएफ से मदद मांगी है।
सहायता की राशि तय करने और बातचीत को अंतिम रूप देने के लिए आइएमएफ का प्रतिनिधिमंडल दो हफ्ते से पाकिस्तान में है। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान को किसी भी तरह की सहायता देने से पहले आइएमएफ ने कड़ी शर्ते रखी हैं। इन शर्तो में 150 अरब रुपये का अतिरिक्त कर लगाने और सख्त मौद्रिक नीति अपनाने जैसे प्रावधान भी शामिल हैं।
हेराल्ड फिंगर की अगुआई में आइएमएफ का प्रतिनिधिमंडल सात नवंबर से पाकिस्तान में है। प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों से मिलकर आर्थिक सुधारों पर उनके विचार जाने और अन्य पहलुओं पर चर्चा की। माना जा रहा था कि मंगलवार तक दोनों पक्ष नतीजे पर पहुंच जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि बातचीत सकारात्मक रही है। 80 फीसद मसले हल हो गए हैं, जबकि 20 फीसद मसलों पर गतिरोध बना हुआ है। पाकिस्तान वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए आइएमएफ से छह अरब डॉलर (करीब 430 अरब रुपये) की वित्तीय सहायता की उम्मीद कर रहा है।