हरियाणा में जन्मे और अल्पसंख्यकों की आवाज रहे पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता आइए रहमान का निधन
प्रमुख पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता पत्रकार और मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित आइए रहमान का सोमवार को निधन हो गया। 90 वर्षीय पत्रकार कोरोना संक्रमित थे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सीनेटर और उनकी मित्र शेरी रहमान ने कोविड-19 से उनका निधन होने पर शोक जाहिर किया है।
लाहौर, प्रेट्र। प्रमुख पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार और मैगसेसे अवार्ड से सम्मानित आइए रहमान का सोमवार को निधन हो गया। 90 वर्षीय पत्रकार कोरोना संक्रमित थे। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सीनेटर और उनकी मित्र शेरी रहमान ने कोविड-19 से उनका निधन होने पर शोक जाहिर किया है।
पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की आवाज थे
भारत विभाजन से पहले हरियाणा में 1930 में जन्मे रहमान पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की आवाज थे। अपने पत्रकारिता के कैरियर में वह विभिन्न अखबारों के संपादक रहे। उर्दू के लोकप्रिय शायर फैज अहमद फैज के प्रशंसक रहमान 1989 में पाकिस्तान टाइम्स के संपादक बने। कई पुस्तकों के लेखक रहमान सैन्य तानाशाही के खिलाफ थे। शांति एवं लोकतंत्र के लिए पाकिस्तान-भारत पीपुल्स फोरम के वह संस्थापक सदस्य थे।
परिवार ने बताया कि वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) की पूर्व चेयरमैन जोहरा यूसुफ ने कहा, 'वह बहुत याद आएंगे। अपनी पेशेवर क्षमताओं के कारण ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के रूप में भी वह दुर्लभ प्रकृति के इंसान थे।' रहमान भी लगभग 20 वर्षों तक एचआरसीपी के निदेशक रहे और दिसंबर 2016 तक समूह के महासचिव थे।