भारतीय उच्चायोग के प्रयास से पाक में रिहा हुए पांच भारतीय, सजा पूरी होने के बाद बंद थे जेलों में

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मीनल्ला ने कहा सजा पूरी होने के बाद पांचों भारतीयों नागरिकों को रिहा करने में देरी क्यों की गई? किसी को बेवजह जेल में रखना अपराध है। उन्हें तत्काल वापस भारत भेजा जाए।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 07:23 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 07:23 PM (IST)
भारतीय उच्चायोग के प्रयास से पाक में रिहा हुए पांच भारतीय, सजा पूरी होने के बाद बंद थे जेलों में
पाकिस्तान सरकार की इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने लगाई फटकार।

इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान की जेलों में बंद पांच भारतीय नागरिक रिहा कर भारत भेज दिए गए हैं। भारतीय उच्चायोग की याचिका पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट के रिपोर्ट तलब करने पर पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। इसके बावजूद हाईकोर्ट ने सरकार की फटकार लगाई है और कहा है कि किसी भी कैदी को उसकी सजा पूरी होने के बाद जेल में रखना अपराध है। सभी भारतीय नागरिकों को रिहा कर तत्काल उनके देश भेजा जाए। इन सभी भारतीय नागरिकों को जासूसी और आतंकवाद फैलाने के आरोपों में पाकिस्तानी अदालत से सजा हुई थी जिसे उन्होंने पूरा कर लिया है।

सजा पूरी होने के बाद जेल में रखना पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन: भारतीय उच्चायोग

भारतीय उच्चायोग ने अपनी याचिका में कहा था कि सजा पूरी होने के बाद भी किसी को जेल में रखना पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन है। इसलिए पांच भारतीय नागरिकों- बिरचो, बंग कुमार, सतीश भाग और सोनू को अविलंब रिहा किया जाए। इस पर कोर्ट ने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब की थी। मामला हाईकोर्ट में जाने से गृह मंत्रालय ने आनन-फानन में भारतीय कैदियों को जेल से रिहा कराया और उन्हें भारत भेज दिया।

पाक गृह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में कहा- सभी पांच भारतीयों को जेल से रिहा कर भारत भेज दिया गया

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने बताया है कि सभी पांच भारतीयों की सजा पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है और 26 अक्टूबर को उन्हें भारत भेज दिया गया है। इनमें से एक वापस भारत नहीं जाना चाहता था, लेकिन उसे भी निर्वासित (देश से निकालना) कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह जवाब हाईकोर्ट में दाखिल किया है।

हाईकोर्ट ने कहा- सजा पूरी होने के बाद रिहा करने में देरी क्यों

इस पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मीनल्ला ने कहा, सजा पूरी होने के बाद पांचों भारतीयों नागरिकों को रिहा करने में देरी क्यों की गई? किसी को बेवजह जेल में रखना अपराध है। उन्हें तत्काल वापस भारत भेजा जाए। कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया है।

भारतीय उच्चायोग की एक अन्य याचिका पर हाईकोर्ट करेगा पांच नवंबर को सुनवाई

भारतीय उच्चायोग की एक अन्य याचिका में तीन भारतीय नागरिकों की रिहाई की मांग की गई है। हाईकोर्ट इस पर पांच नवंबर को सुनवाई करेगा। इन कैदियों ने भी अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन वे अभी पाकिस्तानी जेलों में हैं।

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