VIDEO: चीनी कंपनियों के खिलाफ गुलाम कश्मीर में भीषण आक्रोश, विरोध में जलाई मशालें और लगाए ड्रैगन विरोधी नारे

गुलाम कश्मीर (PoK) की जनता की ओर से निकाली गई इस मशाल रैली का आयोजन चीन की कंपनियों की ओर से नीलम-झेलम नदी पर होने वाले मेगा डैम के निर्माण का विरोध करने के लिए था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 10:04 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 11:40 PM (IST)
VIDEO: चीनी कंपनियों के खिलाफ गुलाम कश्मीर में भीषण आक्रोश, विरोध में जलाई मशालें और लगाए ड्रैगन विरोधी नारे
VIDEO: चीनी कंपनियों के खिलाफ गुलाम कश्मीर में भीषण आक्रोश, विरोध में जलाई मशालें और लगाए ड्रैगन विरोधी नारे

मुजफ्फराबाद, एएनआइ। गुलाम कश्मीर के मुजफ्फराबाद शहर की जनता के बीच चीन के खिलाफ नफरत और बढ़ती जा रही है। क्षेत्र की नीलम-झेलम नदी पर बांध निर्माण के विरोध में शहर के लोगों ने 12 अगस्त को मशाल रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। गुलाम कश्मीर (PoK) की जनता की ओर से निकाली गई इस मशाल रैली का आयोजन चीन की कंपनियों की ओर से नीलम-झेलम नदी पर होने वाले मेगा डैम के निर्माण का विरोध करने के लिए था। इस दौरान रैली में शामिल प्रदर्शनकारियों ने नदियों को बचाने के नारे भी लगाए। 

#WATCH A massive torch rally was held in Muzaffarabad city of Pakistan occupied Kashmir (PoK) on Wednesday against mega-dams to be constructed by Chinese firms on Neelum-Jhelum River.

(Visuals from 12.08.2020) pic.twitter.com/dbWZf45TNC

— ANI (@ANI) August 13, 2020

चीनी कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे बांधों पर गुलाम कश्मीर के कार्यकर्ता डॉ अमजद मिर्जा ने कहा कि नीलम-झेलम नदी अब एक नाला बनती जा रही है क्योंकि इसमें सीवेज की बाढ़ आ गई है और स्थानीय लोगों के पास पीने का पानी नहीं है। CPEC की आड़ में हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है।

इस मुद्दे पर स्थानीय लोगों का कहना है कि चीनी कंपनियों की भारी उपस्थिति, बड़े पैमाने पर बांधों के निर्माण और नदी की धारा मोड़ने को उनके अस्तित्व के लिए खतरा हैं। इससे पहले भी इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन हुए हैं लेकिन पाकिस्तान की इमरान खान सरकार सुध तक नहीं ले रही है।

कम नहीं है पाकिस्तान की मुश्किलें भी

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान और चीन की दोस्ती की मुश्किलें पाकिस्तान में ही बढ़ती जा रही हैं। चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (CPEC) के चलते मुश्किलें झेल रहे बलूचिस्तान के लोगों ने अब अपने मकसद के लिए सिंध प्रांत के राष्ट्रवादियों से हाथ मिला लिया है। सरकार में पंजाबी मुस्लिमों के बोलबाले से बलोच और सिंधी शुरू से खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। अब दोनों प्रांतों के राष्ट्रवादियों ने मिलकर पाकिस्तान से अलग होने की लड़ाई छेड़ने का फैसला किया है। 

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