पाक में खुफिया एजेंसियों में समवन्य को NICC का गठन, देश में अंदरुनी हिंसा से परेशान है इमरान सरकार
पाकिस्तान में खुफिया एजेंसियों की मनमानी और खस्ता हाल का खुलासा 2008 में उस समय हुआ था जब एबटाबाद में अमेरिका ने आतंकवादी संगठन अल-कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर सफल ऑपरेशन करते हुए उस मार गिराया।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान ने अपनी सभी खुफिया एजेंसियों में समन्वय के लिए नेशलन इंटेलिजेंस कोआर्डिनेशन कमेटी (एनआइसीसी) का गठन किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस पर मुहर लगा दी है। कमेटी के नियंत्रण में दो दर्जन से अधिक खुफिया एजेंसी काम करेंगी और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) के डायरेक्टर जनरल को ही इसका चेयरमैन बनाया गया है। कमेटी की पहली बैठक अगले सप्ताह होने जा रही है।
माना जा रहा है कि लंबे समय से आतंकबाद को पनाह देने के कारण पाकिस्तान अब अंदरुनी हिंसा से भी जूझ रहा है और इन हिंसा के बारे में खुफिया एजेंसियों को कम ही जानकारी मिल पाती है।
पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद खुफिया एजेंसियों की खुली पोल
पाकिस्तान में खुफिया एजेंसियों की मनमानी और खस्ता हाल का खुलासा 2008 में उस समय हुआ था जब एबटाबाद में अमेरिका ने आतंकवादी संगठन अल-कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर सफल ऑपरेशन करते हुए उस मार गिराया। यही नहीं उसके शव को अमेरिकी कंमाडो अपने साथ ले गए और पाकिस्तान को खबर तक नहीं हुई। खुफिया एजेंसियों की इस असफलता के बाद एबटाबाद कमीशन का गठन किया गया था। इस कमीशन ने अपनी 32 संस्तुतियों के साथ रिपोर्ट दी थी। दो दर्जन खुफिया एजेंसियों के साथ ही नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी भी एनआइसीसी के ही नियंत्रण में होगी।