पेशावर में गुरु नानक की 550 वीं जयंती कार्यक्रम का समापन, सिख सांसद बने मुख्य अतिथि

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और उसके आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। प्रांत के पहले सिख सांसद रंजीत सिंह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 10:12 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 10:29 PM (IST)
पेशावर में गुरु नानक की 550 वीं जयंती कार्यक्रम का समापन, सिख सांसद बने मुख्य अतिथि
पेशावर में गुरु नानक की 550 वीं जयंती कार्यक्रम का समापन, सिख सांसद बने मुख्य अतिथि

पेशावर, प्रेट्र। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में पेशावर में आयोजित किए गए कार्यक्रम का सोमवार को समापन हो गया। 18 अक्टूबर को शुरू हुए इस आयोजन में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और उसके आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। प्रांत के पहले सिख सांसद रंजीत सिंह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे।

उन्होंने कार्यक्रम में शामिल हुए श्रद्धालुओं को आश्वासन दिया कि वह गुरुद्वारा और सिखों के लिए श्मशान घाटों की कमी का मुद्दा नेशनल असेंबली में उठाएंगे।

उन्होंने कहा, 'अल्पसंख्यकों को उनके मौलिक अधिकार दिलाना प्रांतीय सरकार की धार्मिक व नैतिक जिम्मेदारी है।' गुरु नानक की 550 वीं जयंती 12 नवंबर को मनाई जानी है। इससे पहले नौ नवंबर को पाकिस्तान सरकार करतारपुर कॉरिडोर खोल देगी। इस कॉरिडोर का निर्माण करतारपुर के दरबार साहिब को भारत के पंजाब प्रांत स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए किया गया है। डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा पंजाब प्रांत के गुरुदासपुर जिले में है।

बता दें कि 12 नवंबर 2109 को पूरे विश्व में प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। यह दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव जी ने 1604 में आज ही के दिन दरबार साहिब में पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया था। 1430 अंग (पन्ने) वाले इस ग्रंथ के पहले प्रकाश पर संगत ने कीर्तन दीवान सजाए और बाबा बुड्ढा जी ने बाणी पढ़ने की शुरुआत की थी। 

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