चीन ने पाकिस्तान को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सिनोवैक वैक्सीन की 20 लाख और खुराक मुहैया कराई

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अनुसार बुधवार कोरोना के 930 नए केस सामने आने के बाद देश में कोरोनावायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 950768 हो गई। इसके अलावा 39 मौतों के साथ देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22073 हो गई है।

By Ritesh SirajEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:26 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:26 PM (IST)
चीन ने पाकिस्तान को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सिनोवैक वैक्सीन की 20 लाख और खुराक मुहैया कराई
पाकिस्तान को चीन निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन की 20 लाख और खुराक मिल गई हैं

इस्लामाबाद, पीटीआइ। पाकिस्तान को चीन निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन की 20 लाख और खुराक मिल गई हैं, जिससे देश को अपने टीकाकरण अभियान के और आगे बढ़ने की उम्मीद है। यह रविवार को चीन से पाकिस्तान को सिनोवैक वैक्सीन की 1.55 मिलियन खुराक के अलावा है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की एक विशेष उड़ान ने मंगलवार को बीजिंग कैपिटल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इस्लामाबाद के लिए सिनोवैक कोविड-19 वैक्सीन की 20 लाख खुराक लेकर आ रही है। वायरस से लड़ने की योजना बनाने वाली मुख्य संस्था नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) एनसीओसी के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बाजार से टीके खरीदने की प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहा है। 

वायरस से लड़ने वाली मुख्य संस्था नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) एनसीओसी के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय बाजार से टीके खरीदने की प्रक्रिया का नेतृत्व कर रहा है। इन खुराक को देश भर के विभिन्न वैक्सीन केंद्रों पर भेजा जाएगा, जिसकी व्यवस्था पहले से कर के रखी गई है। इसके अलावा एनसीओसी ने कहा कि इस खेप के आने से देश भर में दैनिक औसत खुराक में काफी वृद्धि होगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अनुसार बुधवार कोरोना के 930 नए केस सामने आने के बाद देश में कोरोनावायरस के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 950,768 हो गई। इसके अलावा 39 मौतों के साथ देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22,073 हो गया है।

पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मार्च में चीन द्वारा दान में दी गई सिनोफार्म वैक्सीन की लगभग दस लाख खुराक के साथ एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत कोरोना के वैक्सीन को सबसे पहले वृद्ध लोगों और फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई थी। हालांकि, शुरुआत में सरकार को टीकाकरण की झिझक और टीके की आपूर्ति की कमी से जूझना पड़ा। वहीं 30 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लिए सीमित शॉट्स ही थे। लेकिन अब 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीके उपलब्ध हैं।

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