पाकिस्तान में आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन पर भ्रष्टाचार के मामले में अदालत में आरोप तय
तय मामले के अनुसार जरदारी ने गलत तरीके से कमाए गए धन को फर्जी बैंक खातों में जमा किया और इसके बाद उसे विदेश भेज दिया। वह और उनकी छोटी बहन तालपुर आरोपित किए जाने के समय सोमवार को इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में मौजूद थे।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान में अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को मनी लाड्रिंग (धन को अवैध तरीके से विदेश भेजना) मामले में आरोपित किया है। जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इसे विपक्षी नेताओं को अपराधी करार देने के सरकार के अभियान का हिस्सा करार दिया है। यह फैसला विपक्षी दलों के अगले महीने प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर शुरू होने वाले आंदोलन से ठीक पहले आया है।
पूर्व राष्ट्रपति पर धन को अवैध तरीके से विदेश भेजने का मामला
तय मामले के अनुसार जरदारी ने गलत तरीके से कमाए गए धन को फर्जी बैंक खातों में जमा किया और इसके बाद उसे विदेश भेज दिया। 63 वर्षीय जरदारी पूर्व प्रधानमंत्री मरहूम बेनजीर भुट्टो के शौहर हैं। वह और उनकी छोटी बहन तालपुर आरोपित किए जाने के समय सोमवार को इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में मौजूद थे। इस बाबत फैसला न्यायाधीश मुहम्मद आजम खान ने किया।
अदालत ने ओम्नी ग्रुप के चेयरमैन अनवर मजीद और उनके बेटे अब्दुल गनी मजीद को भी मामले में आरोपित किया है। मनी लांड्रिंग का यह मामला 2018 से चल रहा था और इसमें जरदारी और तालपुर को गिरफ्तार भी किया गया था। कई महीने जेल में रहने के बाद दोनों दिसंबर 2019 में जमानत पर रिहा हुए थे। सभी दोषियों ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। जरदारी के खिलाफ अदालत में पार्क लेन मामला भी चल रहा है। उसकी सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी।
उधर, पाकिस्तान के नेता प्रतिपक्ष और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। शहबाज शरीफ पर 7 अरब रुपये (41.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है।
इनके बड़े भाई नवाज शरीफ पहले ही भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जा चुके हैं। लंबे वक्त से वो पाकिस्तान से बाहर हैं और लंदन में रह रहे हैं।