पाकिस्तान: हिंदू धार्मिक स्थल पर हुआ एक और हमला, उन्मादी भीड़ ने तोड़ा मंदिर

वीडियो में उन्मादी भीड़ मंदिर से सटी सड़क पर लाठी-डंडे लेकर दौड़ती नजर आ रही है। खबरों के मुताबिक भीड़ ने मंदिर पर हमला करने के बाद पास की एक मुख्य सड़क को कुछ देर के लिए जाम कर दिया।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:14 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:14 AM (IST)
पाकिस्तान: हिंदू धार्मिक स्थल पर हुआ एक और हमला, उन्मादी भीड़ ने तोड़ा मंदिर
पाकिस्तान: हिंदू धार्मिक स्थल पर हुआ एक और हमला, उन्मादी भीड़ ने तोड़ा मंदिर

रहीम यार खान, एएनआइ। पाकिस्तान के रहीम यार खान जिले के भोंग क्षेत्र में बुधवार को उन्मादी भीड़ ने एक हिंदू मंदिर पर हमला कर दिया। पाकिस्तानी सांसद और हिंदू समुदाय के नेता रमेश कुमार वंकवानी ने घटना के वीडियो साझा किए। एक वीडियो में, भीड़ को मंदिर के बुनियादी ढांचे को नष्ट करते देखा जा सकता है। भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की और मूर्तियों और मंदिर के ढांचे को तोड़ दिया।

एक अन्य वीडियो में उन्मादी भीड़ मंदिर से सटी सड़क पर लाठी-डंडे लेकर दौड़ती नजर आ रही है। खबरों के मुताबिक, भीड़ ने मंदिर पर हमला करने के बाद पास की एक मुख्य सड़क को कुछ देर के लिए जाम कर दिया।

रमेश कुमार ने बाद में ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की शुरुआती धीमी प्रतिक्रिया ने स्थिति और मंदिर को नुकसान पहुंचा दिया है। बता दें कि हाल के वर्षों में, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल पर हमलों में वृद्धि हुई है। अपने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा देश को बार-बार फटकार लगाई गई है।

पिछले साल दिसंबर में, स्थानीय मुस्लिम मौलवियों के नेतृत्व में सौ से अधिक लोगों की भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में मंदिर को नष्ट कर दिया और आग लगा दी थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो क्लिप में हिंसक भीड़ को मंदिर की दीवारों और छत को तोड़ते हुए दिखाया गया है।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अधिकार आयोग की एक हालिया रिपोर्ट में देश में सबसे प्रतिष्ठित हिंदू स्थलों की 'निराशाजनक' तस्वीर सामने आई है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में देश के सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में पाकिस्तान में चार सबसे सम्मानित स्थलों में से दो के हानि प्रस्तुत की गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार का एक वैधानिक बोर्ड, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) अल्पसंख्यक समुदाय के प्राचीन और पवित्र स्थलों को बनाए रखने में विफल रहा है। डॉन ने सांविधिक बोर्ड ईटीपीबी का हवाला देते हुए बताया कि 365 मंदिरों में से केवल 13 का प्रबंधन उनके द्वारा किया जा रहा था, जिसमें से 65 हिंदू समुदाय के पास थे और बाकी मंदिरों को छोड़ा जा रहा था।

पाकिस्तान अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता रहा है, हिंसा, सामूहिक हत्याओं, न्यायेतर हत्याओं, अपहरण, दुष्कर्म, इस्लाम में जबरन धर्मांतरण आदि जैसे मामले आए दिन सामने आते हैं। इस साल की शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी 2020 की रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता ने पाकिस्तान में धार्मिक अभिव्यक्ति को लेकर आवाज उठाई गई। विशेष रूप से ईशनिंदा कानूनों के रूप में, जिसके लिए सजा मृत्युदंड तक है।

chat bot
आपका साथी