बलूचिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल, मुख्यमंत्री के बाद असेंबली स्पीकर ने भी दिया इस्तीफा
पाकिस्तान के बलूचिस्तान असेंबली स्पीकर अब्दुल कुद्दुस बिजेंजो (Abdul Quddus Bizenjo) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री जाम कमाल खान अयलानी (Jam Kamal Khan Aylani) ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।
क्वेटा, एएनआइ। पाकिस्तान के बलूचिस्तान असेंबली के स्पीकर अब्दुल कुद्दुस बिजेंजो (Abdul Quddus Bizenjo) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री जाम कमाल खान अयलानी (Jam Kamal Khan Aylani) ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। बलूचिस्तान में असंतुष्ट मंत्रियों, सलाहकारों और संसदीय सचिवों के एक समूह ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिससे प्रांत में राजनीतिक संकट गहरा गया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी एक रिपोर्ट में बलूचिस्तान के गवर्नर को मिले इस्तीफा पत्र का अंश प्रकाशित किया है। इसमें लिखा है, 'मैं अब्दुल कुद्दुस बिजेंजो सोमवार को बलूचिस्तान के असेंबली में अध्यक्ष पद (office of speaker) से इस्तीफा देता हूं।' स्पीकर ने अपने पद से अनुच्छेद 53 और 127 के अनुसार इस्तीफा दिया है।
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए विपक्षी सांसदों ने मुख्यमंत्री पर इस्तीफे का दबाव बनाया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने रविवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। गवर्नर हाउस में राज्यपाल सैयद जहूर अहमद आगा से उन्होंने मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। अविश्वास प्रस्ताव को 33 असेंबली मेंबर्स ने समर्थन दिया था। प्रांत के खाद्य मंत्री और बलूचिस्तान अवामी पार्टी नेता अब्दुल रहमान खेतरान ने बुधवार को यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
Total 40 MPAs from BAP and other allies are united to support the no-confidence-motion against Jam Kamal who has already lost the parliamentary majority to remain the CM of Balochistan. 2/2 pic.twitter.com/mJgQMkahWl
— Zahoor Buledi (@ZahoorBuledi) October 23, 2021
अब तक यहां इस्तीफा देने वालों में वित्त मंत्री मीर जहूर अहमद बुलेदी, खाद्य मंत्री सरदार अब्दुल रहमान खेतान, समाज कल्याण मंत्री मीर असद बलूच, सीएम के सलाहकार अकबर अस्कानी और मोहम्मद खान लहरी, संसदीय सचिव बुशरा रिंद, महजबीन शीरन, लाला राशिद बलूच और सिकंदर उमरानी शामिल हैं। बलूचिस्तान खनिजों और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद, यह पाकिस्तान का सबसे गरीब प्रांत है।