तालिबान शासन में होगा महिलाओं के अधिकारों का हनन, पाकिस्तानी अखबार ने जताई गंभीर चिंता
अफगान महिलाओं को अपने ही देश में बेरोकटोक दमन का सामना करना पड़ेगा। तालिबान इस्लाम की अपनी मनमानी व्याख्या के नाम पर अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन करेंगे। उन्हें दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में माना जाएगा।
इस्लामाबाद, एएनआइ। एक मीडिया रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि अफगान महिलाओं को एक बार फिर सीमित अधिकारों और अफगानिस्तान में बेरोकटोक दमन के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में माना जाएगा। कठोर वास्तविकता यह है कि अफगान महिलाओं को अपने ही देश में बेरोकटोक दमन का सामना करना पड़ेगा। तालिबान, इस्लाम की अपनी मनमानी व्याख्या के नाम पर अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन करेंगे।
पाकिस्तान के द न्यूज इंटरनेशनल ने मंगलवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया कि अफगान महिलाएं न केवल शारीरिक उत्पीड़न का अनुभव करेंगी बल्कि उन्हें संरचनात्मक, सांस्कृतिक और संस्थागत अत्याचार का शिकार भी होना पड़ेगा।अब तक तालिबान ने महिलाओं को कार्यस्थलों पर पुरुषों के साथ काम करने की इजाजत नहीं दी है। पुरुषों के साथ काम करने वाली महिलाओं को अफगान राष्ट्रीय टीवी पर एक आतंकवादी तालिबान नेता द्वारा वेश्या कहा जाता था।
तालिबान ने हाल ही में सभी महिलाओं और युवा लड़कियों के लिए चाल-चलन का एक पुराना कायदा पेश किया है। उन्हें खेल और अन्य गतिविधियों से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान से उत्पन्न इस तरह के लैंगिक भेदभाव से शांति कायम नहीं हो सकती। तालिबान की विचारधारा में उनके मूल में लैंगिक भेदभाव शामिल है। यह अफगान महिलाओं के भविष्य को दर्शाता है।