कोरोना वायरस जांच में गरीब देशों की मदद के लिए आगे आया डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एलान किया है कि वह अग्रणी भागीदारों के साथ मिलकर निम्म व मध्यम आय वाले देशों की कोरोना जांच में मदद करेगा। हालांकि अभी इस योजना के लिए धन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 07:48 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 07:48 AM (IST)
कोरोना वायरस जांच में गरीब देशों की मदद के लिए आगे आया डब्ल्यूएचओ
कोरोना वायरस जांच के लिए गरीब देशों की मदद करेगा WHO

जेनेवा, एपी : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने  एलान किया कि वह अग्रणी भागीदारों के साथ मिलकर निम्म व मध्यम आय वाले देशों की कोरोना जांच में मदद करेगा। संगठन ने सोमवार को कहा कि इसके लिए इन देशों को 12 करोड़ रैपिड जांच किट देने की योजना तैयार की गई है। हालांकि, अभी इस योजना के लिए धन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई है।

एंटीजेन आधारित रैपिड जांच के लिए डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते ही उपयोगी जांच सूची जारी की थी। इसमें एक जांच पर पांच डॉलर यानी करीब पौने चार सौ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के लिए 60 करोड़ डॉलर (लगभग 4,500 करोड़) की जरूरत है।

एंटीजेन टेस्ट के नतीजों को बहुत सटीक नहीं माना जाता, लेकिन इससे जांच तेजी के साथ होती है। इससे व्यक्ति के शरीर में प्रोटीन की मौजूदगी का पता चलता है। पीसीआर टेस्ट में प्रयोगशाला की जरूरत होती है और इसमें समय भी अधिक लगता है।

बात करें दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या की तो दुनियाभर में कोरोना वायरस से तीन करोड़ 32 लाख से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इसी के साथ दुनिया में कोरोना से सबसे बुरी तरह से प्रभावित होने वाला देश अमेरिका है। अमेरिका में कोरोना से 71 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो गए हैं। अमेरिका के बाद दूसरा देश भारत है। भारत में कोरोना वायरस से 61 लाख लोग संक्रमित हो गए हैं। भारत के बाद तीसरे स्थान पर प्रभावित होने वाला देश ब्राजील है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। पिछले साल दिसंबर में कोरोना का सबसे पहला मामला सामने आने के बाद देखते ही देखते दुनियाभर में कोरोना के मामले सामने आने लगे। हालात ऐसे बने की विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया। 

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