Airborne Coronavirus: हवा से कोरोना संक्रमण के फैलने की पुष्टि के लिए डब्ल्यूएचओ को चाहिए और सबूत

Airborne Coronavirus विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने हवा से कोरोना संक्रमण के फैलने की पुष्टि नहीं की है लेकिन साथ ही कहा है कि उसे इसका पता लगाने के लिए और सबूत चाहिए होंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 08:39 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 09:57 AM (IST)
Airborne Coronavirus: हवा से कोरोना संक्रमण के फैलने की पुष्टि के लिए डब्ल्यूएचओ को चाहिए और सबूत
Airborne Coronavirus: हवा से कोरोना संक्रमण के फैलने की पुष्टि के लिए डब्ल्यूएचओ को चाहिए और सबूत

जेनेवा, रायटर। Airborne Coronavirus, विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के हवा से फैलने की संभावना की कुछ रिपोर्ट्स को लेकर अपनी नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने हवा से कोरोना संक्रमण के फैलने की पुष्टि नहीं की है लेकिन साथ ही कहा है कि उसे इसका पता लगाने के लिए और सबूत चाहिए होंगे।

अपने नवीनतम ट्रांसमिशन गाइडेंस में WHO ने स्वीकार किया कि इनडोर भीड़ वाली जगहों से संबंधित कुछ रिपोर्टों में एयरोसोल ट्रांसमिशन(aerosol transmission) की संभावना बताई गई है जैसे कि संगीत के अभ्यास के दौरान, रेस्तरां में या जिम में। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसको लेकर और शोध किए जाने की जरूरत है। 

गौरतलब है कि दुनियाभर के 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि हवा में मौजूद कोरोना वायरस के नन्हें कण लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। इसको लेकर उन्होंने एक खुला पत्र डब्ल्यूएचओ को लिखा था, जिसमें कोरोना वायरस के लिए नई गाइडलाइन जारी करने की मांग की गई थी। इसके बाद से ही डब्ल्यूएचओ लगातार वैज्ञानिकों की इस रिपोर्ट की समीक्षा करने में जुटा हुआ है। डब्ल्यूएचओ इससे पहले कह चुका है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना संक्रमण हवा से नहीं फैलता। इसको लेकर और शोध किए जाने की बात डब्ल्यूएचओ ने कही है।

'हवा से कोरोना संक्रमण फैलना चिंता का विषय...'

इस बीच डब्ल्यूएचओ में COVID-19 महामारी पर तकनीकी पक्ष का नेतृत्व कर रहे मारिया वान केरखोव(Maria Van Kerkhove) ने कहा कि हवा से कोरोना फैलना चिंता का विषय है लेकिन अभी भी ड्रॉपलेट संक्रमण ज्यादा प्रभावी है, जो किसी सतह पर पड़ी सूक्ष्म बूंदो को छूने से फैलता है। उन्होंने जेनेवा से एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में बताया कि कोरोना के लोगों में फैलने के तरीकों में से एयरोसोल ट्रांसमिशन(हवा से संक्रमण) की शुरुआती रिपोर्ट से हम चिंतित है। विशेष रूप से स्वास्थ्य से जुड़ी जगहों को लेकर जहां हम ये जानते हैं कि ये हवा से कोरोना फैल सकता है क्योंकि ये लंबे समय तक हवा में जिंदा रह सकता है।

chat bot
आपका साथी