सात दिन के लिए हिंसा थमने की शुरुआत, अफगान नागरिकों के बीच खुशी की लहर
आंशिक संघर्ष विराम पर तालिबान अमेरिका और अफगानिस्तान में सहमति कायम हुई है और इसके तहत एक सप्ताह के लिए अफगानिस्तान में हिंसा थमने की शुरुआत हो गई है।
काबुल, एएफपी। अफगानिस्तान में शनिवार से सात दिनों के लिए हिंसा पर रोक लगा दी गई है। यह आंशिक संघर्ष विराम के लिए तालिबान, अमेरिका और अफगान बलों के बीच सहमति बनी है। पूरे अफगानिस्तान में हिंसा थमने की खुशी भी देखी जा रही है। कई नागरिक सड़कों पर उतर आए और झूमकर अपनी खुशी जाहिर की।
अहम है आंशिक संघर्ष विराम
अमेरिका और तालिबान के बीच होने वाले शांति समझौते से पहले आंशिक संघर्ष विराम को अहम माना जा रहा है। अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी को समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। समझौते में अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी और अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता शुरू करने की रूपरेखा भी शामिल किए जाने की चर्चा है।
अस्थायी नहीं स्थायी शांति चाहते हैं अफगान के नागरिक
अफगानिस्तान में हिंसा थमने पर राजधानी काबुल में शनिवार सुबह हबीब उल्ला नामक एक टैक्सी ड्राइवर ने कहा, 'यह पहली सुबह है, जब मैं बम धमाके या आत्मघाती हमले में मारे जाने के डर के बिना जा रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि ऐसा हमेशा के लिए रहे।' फजल रहमान नाम के एक सरकारी कर्मचारी ने कहा, 'युद्ध में अस्थायी ठहराव अच्छा है, लेकिन हम स्थायी संघर्ष विराम चाहते हैं।' इमामुद्दीन नामक कारोबारी ने कहा, 'अफगान नागरिक हमेशा के लिए शांति चाहते हैं।'
तालिबानी गढ़ में भी खुशी
तालिबान के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण कंधार और पूर्वी जलालाबाद में बड़ी संख्या में नागरिक सड़कों पर उतर आए और पारंपरिक पश्तून डांस के जरिये अपनी खुशी का इजहार किया। विशेषज्ञों का मानना है कि हफ्ते भर का संघर्ष विराम सफल रहता है तो इससे यह जाहिर होगा कि तालिबान अपने आतंकियों को नियंत्रित कर सकता है। अमेरिका और तालिबान के बीच होने वाले समझौते के नजरिये से यह अच्छा संकेत होगा।
दस साल में एक लाख मौत
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अफगानिस्तान में पिछले दस वर्षो के दौरान एक लाख से ज्यादा नागरिक मारे गए या घायल हुए। यह रिपोर्ट अफगानिस्तान स्थित यूएन मिशन की ओर से जारी की गई है। अफगानिस्तान में पिछले 19 साल से खूनी संघर्ष जारी है। यूएन रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में अफगानिस्तान में 3,493 नागरिकों की मौत हुई और करीब सात हजार घायल हुए थे।
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