गरीब देशों के वृद्धों को वैक्सीन न मिलने से डब्ल्यूएचओ नाखुश, कहा- वैक्सीन राष्ट्रवाद हमारी नैतिक विफलता

वर्तमान में धनी और गरीब देशों में वैक्सीन के वितरण की स्थिति पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि एक गरीब देश में 25 वैक्सीन डोज दी गई है वहीं पचास धनी देशों में तीन करोड़ नब्बे लाख वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:04 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 07:12 PM (IST)
गरीब देशों के वृद्धों को वैक्सीन न मिलने से डब्ल्यूएचओ नाखुश, कहा- वैक्सीन राष्ट्रवाद हमारी नैतिक विफलता
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेबियस ने कहा कि

 जिनेवा, रायटर्स। पूरी दुनिया में वैक्‍सीन निर्माण के लिए होड़ मची है।ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा है कि वैक्सीन को लेकर राष्ट्रवाद की भावना के कारण विश्व त्रासदी के कगार पर है और यह हमारी नैतिक असफलता है। यह सही नहीं है कि धनी देशों में युवाओं को वैक्सीन दी जाए और गरीब देशों के वृद्धों को वैक्सीन उपलब्ध न हो। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसर्स ने जेनेवा से संगठन की एक्जीक्यूटिव बोर्ड की वर्चुअल मीटिंग में यह बात कही।

वर्तमान में धनी और गरीब देशों में वैक्सीन के वितरण की स्थिति पर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि एक गरीब देश में 25 वैक्सीन डोज दी गई है, वहीं पचास धनी देशों में तीन करोड़ नब्बे लाख वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं। यह असमानता की स्थिति है। उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच पूरे विश्व के सभी लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की जरूरत है। मगर पूरे विश्व में इस मामले में असमानता की दीवार खड़ी हुई है।

टेड्रोस ने दवा कंपनियों की आलोचना करते हुए कहा कि वह दवा कंपनियों और धनी देशों के बीच द्विपक्षीय सौदों से सहमत नहीं हैं। जहां मुनाफा ज्यादा है। पिछले साल ऐसे 44 द्विपक्षीय सौदों पर हस्ताक्षर हुए। इस साल भी 12 सौदे किए गए। ऐसे सौदे डब्ल्यूएचओ के सभी देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के प्रयासों को पूरा करने में दिक्कतें पैदा कर रहे हैं।

 उन्होंने कहा कि इन कार्रवाइयों से केवल महामारी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने देशों से एच 1 एन 1 (HIN1) और एचआईवी महामारी के दौरान की गई समान गलतियों से बचने का आग्रह किया। वैक्‍सीन के खुराक के लिए वैश्विक हाथापाई तेज हो गई है क्योंकि अधिक संक्रामक वायरस के वेरिएंट तेजीसे फैलते हैं। अफ्रीकी समूह की ओर से बुर्किना फासो के एक प्रतिनिधि ने बैठक में चिंता व्यक्त की कि कुछ देशों ने वैक्‍सीन की अधिकांश आपूर्ति पर कब्‍जा कर लिया है।

अमेरिका, ब्रिटेन, रूस द्वारा वैक्सीन विकसित करने और भारत के वैक्सीन लगाने में आगे बढ़ने के कारण वैश्विक स्तर पर वैक्सीन बेचकर लाभ कमाने की होड़ में लगी कंपनियां और उनका समर्थक विश्व स्वास्थ्य संगठन विचलित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यहां तक कह दिया कि यह वैक्सीन राष्ट्रवाद वैक्सीन के निर्माण में बाधा पैदा करता है।

chat bot
आपका साथी