द्विपक्षीय सहयोग मजबूत बनाने वियतनाम पहुंचे अमेरिकी रक्षा सचिव
दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के दावे को लेकर दक्षिण एशियाई देशों में सुरक्षा संबंध बढ़ाने के क्रम में अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस क्रम में उन्होंने अपने वियतनाम के समकक्ष से मुलाकात की।
हनोइ, एपी। अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने गुरुवार को अपने वियतनाम के समकक्ष फान वान गियांग से मुलाकात की। इसके बाद उनका अगला पड़ाव फिलीपींस (Philippines) है। बता दें कि ऑस्टिन के इस दौरे का मकसद चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद में फंसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में से एक वियतनाम के साथ संबंधों को मजबूती प्रदान करना है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के मंत्रिमंडल के सदस्य के तौर पर ऑस्टिन का यह पहला वियतनाम दौरा है।
वियतनाम के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हनोई में ऑस्टिन और वियतनाम के रक्षा मंत्री फान वान गियांग ने 1975 में खत्म हुए युद्ध के, अब तक चले आ रहे मुद्दों को सुलझाने में सहयोग पर चर्चा की। इसमें अमेरिकी सैन्य कर्मियों की तलाश जारी रखना, बारुदी सुरंगों को हटाना और वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए डाइऑक्सिन एजेंट ऑरेंज के छिड़काव से मुक्त करना शामिल हैं।
उन्होंने प्राकृतिक आपदा राहत और कोविड-19 सहायता में गैर-पारंपरिक सुरक्षा सहयोग पर भी चर्चा की। ऑस्टिन की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब वियतनाम में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं। हनोई और आधे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। ऑस्टिन सिंगापुर से यहां पहुंचे और इसके बाद वह फिलीपीन जाएंगे।
सिंगापुर में एक संबोधन के दौरान ऑस्टिन ने चीन के साथ रचनात्मक, स्थिर संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की इसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ मजबूत संचार भी शामिल है। हालांकि ऑस्टिन ने इस बात पर फिर से जोर दिया पूरे दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावे का अंतरराष्ट्रीय कानून में कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने अधिकारों को बरकरार रखने में क्षेत्र के तटीय देशों का समर्थन करना जारी रखे हुए है और जापान तथा फिलीपींस के साथ अमेरिका की रक्षा संधि दायित्वों के लिए प्रतिबद्ध है।
ऑस्टिन ने कहा, 'दुर्भाग्य से, विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने और कानून के शासन का सम्मान करने की बीजिंग की अनिच्छा सिर्फ सागर को लेकर नहीं हो रही है।' उन्होंने कहा, 'हमने भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता भी देखी है, सैन्य गतिविधि को अस्थिर करना और ताइवान के लोगों के खिलाफ अन्य प्रकार का उत्पीड़न और शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध आदि भी देखा है।'