संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया को किया आगाह, कहा- जैविक हथियार पाने की कोशिश में हैं आतंकी संगठन

जैविक आतंकी हथियार को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया को आगाह किया है और कहा कि आतंकी इनके जरिये बड़ी जनहानि की फिराक में हैं। इसलिए दुनिया आतंकी संगठनों को लेकर सतर्कता बनाए रखे। हाल के वर्षो में अमेरिका ब्रिटेन और जर्मनी में कई लोगों पर जैविक हमले हुए हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 02:52 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 03:43 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया को किया आगाह, कहा- जैविक हथियार पाने की कोशिश में हैं आतंकी संगठन
संयुक्त राष्ट्र ने जैविक आतंकवाद के खतरे से दुनिया को चेताया

जेनेवा, एएनआइ। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौर में जैविक आतंकवाद का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है। कई आतंकी संगठन लंबे समय तक हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस विकसित करने के लिए प्रयासरत रहे। अल कायदा ने कई वर्षो तक इसके लिए कोशिश की। हाल के वर्षो में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी में दुश्मनी निकालने के लिए कई लोगों पर जैविक हमले हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1540 समिति इस खतरे को भांपने के लिए विशेष रूप से बनी है। सुरक्षा परिषद ने 2004 में प्रस्ताव संख्या 1540 स्वीकार कर परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों के प्रसार पर रोक लगाने का संकल्प लिया था। कहा था कि अगर किसी रूप में इनका प्रसार होता है तो वह दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा होगा। सिंगापुर के अखबार जेनेवा डेली के अनुसार सुरक्षा परिषद की 1540 समिति को बीती मार्च में जैविक आतंकवाद के खतरे आभास हुआ। इसका उल्लेख समिति के प्रमुख जुआन रेमन डी ला फुंटे रेमिरेज ने संयुक्त राष्ट्र के एक आयोजन में दिए वक्तव्य में किया। उन्होंने कहा, महामारी ने दुनिया को बदल दिया है लेकिन इससे आतंकियों की व्यापक नुकसान पहुंचाने वाले हथियारों को पाने की इच्छा कम नहीं हुई है। इन हथियारों में घातक बैक्टीरिया या वायरस भी शामिल हैं।

आतंकी इनके जरिये बड़ी जनहानि की फिराक में हैं। इसलिए दुनिया आतंकी संगठनों को लेकर सतर्कता बनाए रखे। अगर कुछ देश जैविक हथियार बना रहे हैं, पहले से बना रखे हैं और उनका भंडारण कर रखा है, तो वे यह न भूलें कि ये हथियार आतंकियों के हाथ भी लग सकते हैं। ऐसी स्थिति में आतंकी उनका कितना भयंकर दुरुपयोग करेंगे, यह कल्पना से परे है।

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