संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में बिगड़े आर्थिक हालातों पर जताई चिंता, कहा- तालिबान के शासन में बद से बदतर हुए हालात

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने अगले 13 महीनों को अफगानिस्तान के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से खतरनाक बताया है। साथ ही कहा है कि अफगान में हर साल 30 करोड़ डालर का नकद भुगतान ही तेजी से बढ़ रही गरीबी की दर को कम करने का सबसे सटीक तरीका है।

By Amit SinghEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 04:26 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 04:26 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में बिगड़े आर्थिक हालातों पर जताई चिंता, कहा- तालिबान के शासन में बद से बदतर हुए हालात
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में बिगड़े आर्थिक हालातों पर जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र, एजेंसियां: संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को अफगानिस्तान में तेजी के साथ बढ़ती गरीबी के आंकड़ों पर चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने अगले 13 महीनों को अफगानिस्तान के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से खतरनाक बताया है। साथ ही कहा है कि, अफगान में बच्चों, बुजुर्गों या विकलांग लोगों के साथ अफगान परिवारों को हर साल 30 करोड़ डालर का नकद भुगतान ही तेजी से बढ़ रही गरीबी की दर को कम करने का सबसे सटीक तरीका है। इस कार्यक्रम के तहत करीब 10 करोड़ डालर ‘काम के एवज में नकद भुगतान’ और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए करीब 90 करोड़ डालर का इस्तेमाल किया जाएगा।

गौरतलब है कि, बीते अगस्त अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान द्वारा कब्जा करने के बाद से देश को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय सहायता में कमी आई है। जिसके कारण अफगान की अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली ढहने के कगार पर है। वहीं, कोविड-19 महामारी और सूखे ने पहले से गंभीर हालातों को और बढ़ा दिया है। यूएनडीपी के एक अनुमान के मुताबिक, अफगान में गरीबी साल 2022 के मध्य तक गंभीर रूप ले सकती है। आशंका है कि, देश के करीब 3.9 करोड़ लोग में 90फीसदी पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अपने एक बयान में कहा है कि, अफगान के करीब 2.28 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

यूएनडीपी ने अक्टूबर में एक विशेष ट्रस्ट फंड की स्थापना की थी। जिसमें जर्मनी ने करीब 5 करोड़ यूरो की आर्थिक सहायता करने का वादा किया था। यूएनडीपी द्वारा स्थापित इस फंड को पूरे विश्व से करीब 17 करोड़ डालर की आर्थिक सहायता मिल चुकी है। यूएनडीपी द्वारा जारी एक रिपोर्ट में चेतावनी के तौर पर बताया गया है कि, निकट भविष्य में अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार के आसार नहीं हैं। साथ ही बताया गया है कि, जब तक अफगान की काम करने वाली महिलाओं पर प्रतिबंध नहीं हटाया जाता तब तक आर्थिक बढ़ोतरी संभव नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक, देश में महिला रोजगार को प्रतिबंधित करने से करीब 60 करोड़ डालर से एक अरब के बीच का आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।

chat bot
आपका साथी