एशिया-प्रशांत क्षेत्र में फैली कोरोना महामारी को लेकर UNHCR ने दी चेतावनी

एशिया प्रशांत क्षेत्र में फैले कोरोना संक्रमण को लेकर यूएनएचसीआर ने चिंता जताई है। यूएन एजेंसी का कहना है कि इसकी रोकथाम के लिए वेक्‍सीनेशन प्रक्रिया में तेजी लानी होगी और वेक्‍सीन को भी उपलब्‍ध करवाना जरूरी होगा।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 04:01 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 05:01 PM (IST)
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में फैली कोरोना महामारी को लेकर UNHCR ने दी चेतावनी
वैक्‍सीनेशन में तेजी लाकर महामारी से मिल सकती है निजात

जिनेवा (यूएन)। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में फैली कोरोना महामारी को लेकर चेतावनी दी है। एजेंसी का कहना है कि महामारी के बीच इन देशों में कोरोना वैक्‍सीन की काफी कमी देखी जा रही है। इसके लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इसके लिए कोवैक्‍सी योजना के तहत तत्‍काल वैक्‍सीन उपलब्‍ध करवाई जानी चाहिए। एजेंसी ने ये भी कहा है कि वैक्‍सीनेशन के अलावा शरणार्थियों और ऐसे लोगों का ध्‍यान भी रखना होगा जिन्‍हें इनकी तलाश है।

यूएन एजेंसी के प्रवक्ता आंद्रेज माहेचिच ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि विश्व में विस्थापन हुए लोगों का एक बड़ा प्रतिशत एशिया प्रशांत क्षेत्र में रहता है। इसके बाद भी इन देशों में कोरोना वैक्‍सीन की खुराक बेहद कम संख्‍या में पहुंची हैं जो नाकाफी हैं। UNHCR ने सही तरह से वैक्‍सीन के वितरण के चलते इस महामारी पर काबू पाया जा सकता है। पिछले दो माह के अंदर इस क्षेत्र में कोरोना के मामलों में जबरदस्‍त उछाल देखा गया है। इस दौरान 80 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। महामारी की वजह से स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर भी बोझ है।

अस्पताल में बिस्तरों, ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है। शिविरों में रहने वालों को इस महामारी की चपेट में आने का जोखिम काफी अधिक है। एजेंसी ने बांग्‍लादेश का जिक्र करते हुए कहा है कि यहां के कॉक्सेस बाजार में 9 लाख रोहिंज्या शरणार्थी शिविर में रह रहे हैं। यहां पर पिछले दो माह में संक्रमण के मामले काफी बढ़े हैं। इसके अलावा, थाईलैण्ड, मलेशिया, नेपाल, ईरान, पाकिस्तान और इंडोनेशिया में भी ऐसा ही देखा गया है। एजेंसी का कहना है कि इस महामार पर काबू पाने के लिए जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय अहम हैं वहीं वैक्‍सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ानी होगी।

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