तुर्की और इजराइल के बीच संबंधों में गरमाहट, दो वर्ष बाद अंकारा ने नियुक्ति किया नया राजदूत
तुर्की के विदेश मंत्रालय में सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक रिसर्च के अध्यक्ष उफुक उलुतास को इस महत्वूपर्ण पद की जिम्मेदारी दी गई है। उलुतस दोनों राष्ट्रों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों में तनाव को कम करेंगे। खास बात यह है कि वह इजराइल और ईरान मामलों के विशेषज्ञ हैं।
अंकारा, एजेंसी। यहूदी राज्य के साथ अपने संबंधों को सामान्य बनाने के मकसद से तुर्की ने इजराइल में एक अपने एक नए राजदूत की नियुक्त किया है। तुर्की के विदेश मंत्रालय में सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक रिसर्च के अध्यक्ष उफुक उलुतास को इस महत्वूपर्ण पद की जिम्मेदारी दी गई है। उलुतस दोनों राष्ट्रों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों में तनाव को कम करेंगे। खास बात यह है कि वह इजराइल और ईरान मामलों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने मध्य पूर्व नीति पर कई लेख भी लिखे हैं। यह नियुक्ति तुर्की द्वारा कथित तौर पर इजराइल के साथ गुप्त संपर्कों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए की गई थी।
खास बात यह है कि मई, 2018 के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं। मई, 2018 में तुर्की ने इजराइली दूत को अंकारा छोड़ने का आदेश दिया था। उसके बाद से दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि तुर्की के बाद क्या इजराइल भी अपना कोई राजदूत नियुक्त करेगा। लेकिन तुर्की के इस कदम को सकारात्मक नजरिए से देखा जा रहा है। इजराइल के साथ संबंधों को ठीक करने के लिहाज से यह तुर्की का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि तुर्की ने हाल के वर्षों में विदेश नीति में इजराइल, मिस्र, सऊदी अरब, ग्रीस और कुछ खाड़ी राज्यों के साथ अपने संबंधों की गिरावट को चिह्नित किया है। इसलिए तुर्की इजरायल को करीब लाने के लिए जोर दे रहा है।
बता दें कि दो वर्ष पूर्व इजराइल ने यरूशलम में तुर्की राजदूत को अनिश्चित अवधि के लिए वापस अपने देश जाने का आदेश दिया था। इससे पहले तुर्की ने गाजा सीमा पर फलस्तीनीयों के मारे जाने के एक दिन बाद तुर्की विदेश मंत्रालय ने इजराइली राजदूत को तलब कर उन्हें देश छोड़ने को कहा था। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर हमला करते हुए कहा था कि उन्होंने नस्लीय राज्य का नेतृत्व किया और उनके हाथ फलस्तीनी खून से रंगे हैं। इससे पहले तुर्की ने अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरूशलम ले जाने के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले के खिलाफ अमेरिका व इजराइल से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था। यरूशलम में अमेरिकी दूतावास खोलने के खिलाफ गाजा सीमा पर हो रहे प्रदर्शन पर इजराइली बलों ने भीषण गोलीबारी की थी, जिसमें 52 फलस्तीनी मारे गए थे। राष्ट्रपति रेसेप तईप एदोर्गन ने इन मौतों को नरसंहार बताया था।