तिब्बत में चीनी पर्यटकों की बढ़ रही भीड़, पर्यटकों की मनमानी से सांस्कृतिक धरोहरों को नुकसान
तिब्बत में 2020 में पर्यटकों की संख्या में 12.6 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। चीन के टूरिज्म मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार 2026 तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। 35 लाख की आबादी वाले तिब्बत में पर्यटकों की संख्या इससे ज्यादा हो गई है।
ल्हासा, एपी। तिब्बत में चीनी पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण यहां के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों के लिए खतरा बढ़ गया है। धार्मिक आस्था के अभाव में मनमाने रवैये वाले स्थानीय पर्यटक नुकसान करने वाले साबित हो रहे हैं। तिब्बत में दलाई लामा से संबंधित पोटाला पैलेस में पर्यटकों की संख्या को रखरखाव के कारण पांच हजार तक ही सीमित किया गया था। सीमित संख्या तक ही प्रवेश करने का नियम लागू करना अब चुनौती बनता जा रहा है।
तिब्बत के मुख्य प्रशासक गोंगर ताशी ने ल्हासा में पत्रकारों से वार्ता में यह स्वीकार किया कि बढ़ती पर्यटकों की भीड़ से सांस्कृतिक स्थलों के उपयोग और संरक्षण में संतुलन नहीं बन पा रहा है। सरकार ने यहां विदेशी पत्रकारों को अधिकारियों की देखरेख में सीमित प्रवेश की अनुमति दी थी। तिब्बत में 2020 में पर्यटकों की संख्या में 12.6 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है। चीन के टूरिज्म मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार 2026 तक यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। 35 लाख की आबादी वाले तिब्बत में पर्यटकों की संख्या इससे ज्यादा हो गई है।
कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय में भूगोल की प्रोफेसर एमिली येह का कहना है कि तिब्बत प्रशासन ने अपना ध्यान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से घरेलू पर्यटकों पर कर दिया है। यहां रहने वाले तिब्बती सांस्कृतिक धरोहरों को पर्यटकों द्वारा नुकसान पहुंचाने की अक्सर शिकायत करते रहते हैं। यहां तक कि प्रार्थना झंडे तक पहुंचकर उसके अनादर करने भी शिकायतें मिलती रही हैं।
वैक्सीन के दाम मीडिया में लीक होने से चीन नेपाल से नाराज
चीन नेपाल से हुए वैक्सीन के समझौते के मीडिया में लीक होने से नाराज हो गया है। चीन ने नेपाल को चालीस लाख सिनोफार्म वैक्सीन डोज देने का समझौता किया है। प्रति वैक्सीन चीन 10 डालर (करीब 741 रुपये) दाम लेगा। दाम के मीडिया में लीक होने के बाद चीन के नाराजगी जताने पर अब नेपाल सरकार ने इसका खंडन करना शुरू कर दिया है।