तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में लगे नारे, सेना के समर्थन में लोगों ने निकाली रैली

काबुल में हजारों लोग तालिबान के हमले का विरोध करने और अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों का समर्थन करने के लिए अल्लाहु अकबर का नारा लगाते हुए सड़कों पर उतर आए। नारे लगाने वालों में उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी शामिल थे।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 09:26 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 09:26 AM (IST)
तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में लगे नारे, सेना के समर्थन में लोगों ने निकाली रैली
तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में लगे नारे, सेना के समर्थन में लोगों ने निकाली रैली

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में जारी तालिबानी हिंसा से संघर्ष कर रही सेना के समर्थन में देश के नागरिकों ने रैली निकाली। इसमें शामिल सभी लोग अल्लाहो अकबर के नारे लगा रहे थे। हेरात से शुरू इस रैली का प्रभाव पूरे देश में देखने को मिला। तालिबानी आतंकियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और सुरक्षा बलों के प्रति समर्थन का भाव इस रैली में शामिल लोगों में दिख रहा था। इस तरह की रैली अफगानिस्तान की राजधानी काबुल, खोस्त, नंगरहार और कुनार प्रांतों में भी निकाली गई।

तालिबान के विरोध में नारे लगाने वालों में उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी शामिल थे। काबुल की सड़कों पर तो विरोध प्रदर्शन हो ही रहा था यहां के लोग अपनी छतों लोग अपनी छतों से भी नारे लगा रहे थे। पूर्वी अफगानिस्तान में कुनार और नंगरहार प्रांतों और दक्षिणपूर्वी अफगानिस्तान में खोस्त में भी रैलियों में एएनडीएसएफ के समर्थन में और तालिबान के विरोध में अल्लाहु अकबर के नारे लगाए गए। खोस्त प्रांत में सड़कों पर जमा सैकड़ों लोगों के अलावा मुल्ला (धार्मिक प्रचारक) मस्जिदों के लाउडस्पीकर से नारे लगा रहे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जलालाबाद शहर के निवासी रज मोहम्मद इमरानजई ने कहा, हमने जलालाबाद में अल्लाहु अकबर का नारा लगाया और यह नारा पूरे अफगानिस्तान में लगाया जाएगा। हम अपने सुरक्षा बलों का समर्थन करेंगे और जरूरत पड़ने पर उनके साथ मिलकर लड़ेंगे।

बता दें कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही तालिबान का आतंक बढ़ता जा रहा है। अब तक देश के अनेकों हिस्सों पर इसने कब्जा कर लिया है। इस दौरान विदेशी सैनिकों का साथ देने वाले लोगों को निशाना बनाने वाले तालिबान ने एक ही प्रांत में बीते 6 सप्ताह के दौरान तालिबान ने कम से कम 900 लोगों की हत्या कर दी है। इनमें पुलिस ऑफिसरों से लेकर आम नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और मशहूर कमीडियन तक शामिल हैं। तालिबान के निशाने पर विशेषकर ऐसे सैनिक हैं जो इससे छिपे हुए हैं।

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