अफगानिस्तान की जेल पर हुए हमले में शामिल था केरल का आतंकी डॉक्टर, 2016 में हुआ था IS में शामिल
एनआइए के अनुसार जुलाई 2016 में कासरगोड निवासी दंपती ने पुलिस में शिकायत की कि उनका बेटा अब्दुल राशिद (30) अपनी पत्नी आयशा और बच्चे के साथ लापता है।
काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान में जेल पर हुए हमले में शामिल आतंकी संगठन आइएस (इस्लामिक स्टेट) के दस्ते में केरल का एक डॉक्टर भी था। इस हमले को 11 आत्मघाती आतंकियों ने अंजाम दिया था और इसमें 39 लोग मारे गए थे। जांच में पता चला है कि केरल के कासरगोड जिले का निवासी कल्लूकेटिया पुराइल इजास पेशे से डॉक्टर था। चार साल पहले वह आइएस की विचारधारा से प्रभावित हो गया था और भागकर आइएस में शामिल हो गया था। कासरगोड सहित केरल के कई जिलों के लोग आइएस में शामिल होने के लिए इराक, सीरिया और अफगानिस्तान भागे थे, इजास उनमें से एक था।
रविवार को देर शाम 11 आतंकियों के दस्ते ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए जलालाबाद जेल पर हमला किया था। करीब 24 घंटे चली गोलीबारी के बाद सोमवार को अफगान सुरक्षा बलों ने सभी 11 आतंकियों को मार गिराया। जेल से फरार कैदी भी दोबारा पकड़ लिए गए हैं।
2016 के दौरान आइएस में हुआ था शामिल
मारे गए हमलावरों की शिनाख्त में पता चला कि उनमें इजास भी शामिल था। भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अनुसार इजास 2016 में आइएस की खोरसान प्रांत की शाखा में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान गया था। वहां वह अपनी 26 साल की गर्भवती पत्नी रेफेयाला के साथ गया था, उस समय इजास की उम्र 33 साल थी। बाद में रेफेयाला और उसके बच्चे को अफगान सुरक्षा बलों में पकड़ लिया और वे अब जेल में हैं। यह जानकारी एनआइए के नई दिल्ली में मौजूद सूत्रों ने दी है।
एनआइए के अनुसार जुलाई 2016 में कासरगोड निवासी दंपती ने पुलिस में शिकायत की कि उनका बेटा अब्दुल राशिद (30) अपनी पत्नी आयशा और बच्चे के साथ लापता है। ये सभी दो महीने पहले मुंबई गए थे लेकिन उसके बाद से उनका पता नहीं चल रहा। इसके आसपास इलाके के 14 अन्य लोगों ने अपने बेटे या रिश्तेदारों के रहस्यमय तरीके से लापता होने की सूचना पुलिस को दी।
आइएस में युवाओं को भर्ती करने का काम
बाद में हुई जांच में पता चला कि लापता युवा आइएस में शामिल होने के लिए भारत से भागे थे। इन्हीं में इजास और उसकी पत्नी भी शामिल थे। केरल पुलिस की जांच में पता चला कि इन लोगों को भगाने में नई दिल्ली के जामिया नगर स्थित बटला हाउस निवासी यास्मीन मुहम्मद जाहिद (29) की अहम भूमिका थी। यास्मीन मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले की रहने वाली थी। उसे एक अगस्त, 2016 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से तब गिरफ्तार किया गया, जब वह अपने बेटे के साथ अफगानिस्तान भागने की तैयारी में थी। यास्मीन भारत में आइएस के लिए युवाओं को भर्ती करने का काम कर रही थी।