अफ्रीकी देश माली में बस पर आतंकी हमला, 31 लोगों की मौत 8 अन्य घायल
माली में हुए एक आतंकी हमले में 31 लोगों मारे गए हैं। वहीं करीब 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह हमला एक बस पर हुआ है। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बामाको, एएनआई: पश्चिमी अफ्रीकी देश माली से बड़े आतंकी हमले की खबर सामने आई है। समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया गया है कि, यह हमला आतंकियों द्वारा एक बस पर किया गया है। हमले में करीब 31 लोगों के मारे जाने की खबर है, वहीं आठ अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जानकारी के मुताबिक, यह हमला मोप्ती क्षेत्र के बांदियागरा से पूर्वी मालियन शहर के करीब हुआ है। गौरतलब है कि 2012 में तुआरेग आतंकवादियों ने देश के उत्तरी इलाके में एक बड़े हिस्सा कब्जा कर लिया था जिसके बाद से देश की स्थिति काफी अस्थिर है। इस्लामवादियों की गतिविधियों, लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी के प्रति वफादार बलों के साथ-साथ फ्रांसीसी हस्तक्षेप को लेकर संघर्ष और भी अधिक बढ़ गया है।
देश में हो चुका है राजनीति विद्रोह
मई में विद्रोहियों ने देश के निवर्तमान राष्ट्रपति बाह एन दाव और प्रधानमंत्री मोक्टार ओआने को अगवा कर लिया था। वहीं, इस घटना से पहले देश की सरकार में बदलाव करके सेना के दो लोगों को मंत्रिमंडल बर्खास्त कर दिया था। इससे ठीक नौ महीनों पहले सैन्य विद्रोह में सेना ने माली के शासन को अपने कब्जे में ले लिया था।
संयुक्त राष्ट्र माली में शांती बनाए रखने के लिए हर साल करीब 1.2 अरब डॉलर खर्च करता है। माली की सेना पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते सितंबर, 2020 में नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने पदभार ग्रहण किया था।
माली की भौगोलिक स्थिति
माली अफ्रीकी महाद्वीप का सातवां बड़ा देश है। अल्जीरिया, नाइजर, बुर्किना फ़ासो, कोड द आइवोर, गिनी, सेनेगल और मारितुआना सरीखे देश इसके पड़ोसी हैं। माली करीब 12,40,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां की जनसंख्या करीब 1.3 करोड़ है और यहां की अर्थव्यवस्था खेती और पशु पालन पर निर्भर करती है। माली के प्राकृतिक संसाधनों में सोना, यूरेनियम और नमक शामिल है।
माली और फ्रांस के बीच लंबा तनाव
माली और फ्रांस के बीच लंबे वक्त से तनाव चल रहा है। पिछले महीने एक इंटरव्यू के दौरान माली के प्रधानमंत्री चोगुएल कोकल्ला माईगा ने आरोप लगाए थे कि फ्रांस के अधिकारी, आतंकवाद पर लगाम लगाने वाले अभियानों में शामिल होने का नाटक करते हैं। बल्कि हकीकत ये है कि वो उत्तरी माली के किदल इलाके में आतंकवादी संगठनों को ट्रेनिंग देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा था कि उनके पास इस बात के सबूत भी हैं।