अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोस्ताना संबंध चाहता है तालिबान, कहा -किसी के खिलाफ नहीं होने देंगे अफगान धरती का इस्तेमाल

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार मुत्ताकी ने गुरुवार को काबुल में एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि नया प्रशासन किसी को अफगान धरती का इस्तेमाल किसी के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने कहा शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान पड़ोसी देशों क्षेत्र और विश्व के हित में है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:59 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोस्ताना संबंध चाहता है तालिबान, कहा -किसी के खिलाफ नहीं होने देंगे अफगान धरती का इस्तेमाल
तालिबानी सरकार को अभी किसी देश ने नहीं दी है मान्यता

काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जुड़ना चाहता है। नवगठित तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कहा कि उनका देश पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दोस्ताना संबंध चाहता है।

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, मुत्ताकी ने गुरुवार को काबुल में एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि नया प्रशासन किसी को अफगान धरती का इस्तेमाल किसी के खिलाफ करने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने कहा, 'शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान पड़ोसी देशों, क्षेत्र और विश्व के हित में है।' हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि अफगानिस्तान पर बहुत दबाव डालने से किसी को फायदा नहीं होने वाला है।

बता दें कि तालिबान ने तकरीबन पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद गत 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। इस महीने की शुरुआत में नई सरकार का गठन किया गया, लेकिन अभी किसी देश ने इसे मान्यता नहीं दी है। तालिबान ने समावेशी सरकार बनाने का वादा किया था, लेकिन एक भी महिला को जगह नहीं दी।

यूएन से अमेरिका की शिकायत करेगा तालिबान

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, तालिबान अमेरिका के ड्रोन हमले की शिकायत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और अन्य प्राधिकरणों से करेगा। यह जानकारी तालिबान के सूचना मंत्री जबीउल्ला मुजाहिद ने दी। अमेरिकी सेना ने गत 29 अगस्त को काबुल में आइएस आतंकी को निशाना कर ड्रोन हमला किया था। इसमें सात बच्चों समेत दस नागरिकों की मौत हुई थी। इस पर अमेरिका ने माफी मांगी थी।

विश्वविद्यालयों में योग्य लोगों की नियुक्ति की अपील

वहीं, दूसरी ओर अफगानिस्तान यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने बयान जारी कर तालिबान सरकार से देश के विश्वविद्यालयों का नेतृत्व करने के लिए योग्य और अनुभवी लोगों को नियुक्त करने की अपील की है। यह बयान काबुल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद से मुहम्मद उस्मान को हटाए जाने और बीए पास को चांसलर बनाए जाने के बाद आया। तालिबान के इस कदम के विरोध में यहां के 70 शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया है।

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