विदेशों में अफगानिस्तान के दूतावासों में नए राजदूत और अधिकारी नियुक्त करेगा तालिबान

तालिबान ने सोमवार को एक बड़ी आधिकारिक घोषणा की जिसमें कहा गया कि विदेशों में अफगानिस्तान के दूतावासों में नए राजदूत और अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्‍तान के अधिकारियों का कहना है कि यह नियुक्ति जल्द से जल्द की जाएगी।

By Ashisha RajputEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 11:09 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 11:41 AM (IST)
विदेशों में अफगानिस्तान के दूतावासों में नए राजदूत और अधिकारी नियुक्त करेगा तालिबान
विदेशों में अफगानिस्तान के राजनयिक मिशनों में नए दूत और अधिकारी नियुक्त करेगा तालिबान

काबुल, एएनआइ। तालिबान ने सोमवार को एक बड़ी आधिकारिक घोषणा की, जिसमें कहा गया कि विदेशों में अफगानिस्तान के दूतावासों में नए राजदूत और अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्‍तान के अधिकारियों का कहना है कि यह नियुक्ति जल्द से जल्द की जाएगी। इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता इनामुल्ला सामंगनाई ने कहा कि फिलहाल वर्तमान में विदेशों में अफगानिस्तान के अधिकांश राजनयिक मिशन पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त दूतों द्वारा चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस्लामिक अमीरात विदेशों में अफगानिस्तान दूतावासों के संपर्क में है।

सामंगनाई ने कहा, 'जल्द ही गतिविधियों में सुधार होगा, और उन लोगों के बजाय कुछ लोगों को पेश किया जाएगा जो मौजूद नहीं हैं और अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं। या, कुछ लोग जो बेहतर विकल्प हैं, उन्हें दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में पेश किया जाएगा।'

क्या कहा अन्य पूर्व राजनयिकों ने नए दूत और अधिकारी की नियुक्ति पर

विदेशों में अफगानिस्तान के राजनयिक मिशनों में नए दूत और अधिकारी की नियुक्ति पर कई पूर्व राजनयिकों के बयान सामने आए हैं। टोलो न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि नॉर्वे में अफगान के पूर्व राजदूत शुक्रिया बराकज़ई ने कहा है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के राजनयिक मिशनों में राजदूतों की नियुक्ति तब तक संभव नहीं है, जब तक कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस्लामिक अमीरात को मान्यता नहीं देता। वहीं एक राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद खान अंदर ने कहा, 'अगर (काबुल) के उन दूतावासों के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध नहीं हैं, तो वे दूतावास अपना काम ठीक से नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन और दूतावासों के खर्च के लिए बजट की जरूरत है।'

आपको बता दें की दस देशों ने काबुल में अपने दूतावास खोले हैं, जबकि टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया है कि इनके अलावा इस्लामिक अमीरात ने केवल पाकिस्तान में अफगानिस्तान के दूतावास में नए राजनयिकों की नियुक्ति की है।  

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