तालिबान राज में महिलाओं के अधिकारों का हनन, महिला मामलों का मंत्रालय भी बंद

महिला मामलों के मंत्रालय को भी बंद कर दिया है और इसे मिनिस्ट्री आफ प्रमोशन वर्च्यू एंड प्रिवेंशन आफ वाइस के मंत्रालय के साथ बदल दिया है। समूह ने 1990 के दशक में भी इसी मंत्रालय के जरिए महिलाओं पर गहरे प्रतिबंध लगाए थे।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 02:11 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 02:11 PM (IST)
तालिबान राज में महिलाओं के अधिकारों का हनन, महिला मामलों का मंत्रालय भी बंद
तालिबान ने महिलाओं के मंत्रालय को किया बंद

काबुल, एपी। अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद से महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। तलिबान दुनिया से किए गए अपने वादों को लगाताद तोड़ रहा है। इस क्रम को जारी रखते हुए तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय को ही अब बंद कर दिया है। इससे पहले तालिबान महिल कर्मचारियों को काम पर नहीं लौटने का फरमान जारी कर चुका है।

अफगानिस्तान के तालिबानी शासकों ने महिला मंत्रालय को हटाकर इसकी जगह मिनिस्ट्री आफ प्रमोशन वर्च्यू एंड प्रिवेंशन आफ वाइस मंत्रालय को सक्रिय कर दिया है, इसके जरिए तालिबान महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां लगाएगा। समूह ने 1990 के दशक में भी इसी मंत्रालय के जरिए महिलाओं पर गहरे प्रतिबंध लगाए थे।

इससे पहले तालिबान सरकार के गठन के बाद अब हाल ही में नियुक्त हुए कार्यवाहक चीफ आफ स्टाफ कारी फसीहुद्दीन ने घोषणा की है कि इस्लामिक अमीरात आफ अफगानिस्तान में सेना का गठन किया जाएगा। इसमें पूर्व सैनिकों को भी शामिल किया जाएगा। सेना गठन की शीघ्र ही जानकारी दी जाएगी।

टोलो न्यूज के अनुसार फसीहुद्दीन ने कहा कि अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए मजबूत सेना की आवश्यकता है। इसकी अब तैयारी शुरू कर दी गई है। तालिबान देश के अंदर और बाहर दोनों ही मोर्चे पर किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम होगा। सेना में ऐसे लोगों को वरीयता दी जाएगी जो प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं या फिर पेशेवर हैं। नई सरकार की इस घोषणा के बाद भी पूर्व सैनिकों का कहना है कि उन्हें काम पर नहीं लिया जा रहा है। पूर्व सैन्य अधिकारी शेकोरुल्ला सुल्तानी का कहना है कि तीन लाख पूर्व सैनिकों के भाग्य का फैसला अभी तालिबान को करना है।

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