अफगानिस्तान में लौटेगा मौत की सजा का दौर, तालिबानी नेता मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी का बयान

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद अब कट्टर इस्लामी कानूनों को लागू किया जाएगा। तालिबान के संस्थापकों में से एक और इस्लामी कानून के जानकार मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने कहा है कि जल्द ही हम पुराने सरकार में दी जाने वाली सजाओं को लागू करेंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 02:12 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 02:49 PM (IST)
अफगानिस्तान में लौटेगा मौत की सजा का दौर, तालिबानी नेता मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी का बयान
अफगानिस्तान में फिर लागू होंगे कट्टर इस्लामी कानून!(फोटो: फाइल)

काबुल, एपी। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद अब कट्टर इस्लामी कानूनों को लागू किया जाएगा। तालिबान के संस्थापकों में से एक और पूर्व कार्यकाल में इस्लामी कानूनों को कठोर व्याख्या के साथ लागू करने करने वाले एक प्रमुख प्रवर्तक ने कहा कि अफगानिस्तान में फिर से फांसी देने और हाथ काटने जैसी सजाएं देने का दौर लौटेगा। द एसोसिएटेड प्रेस के साथ एक साक्षात्कार में, मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने अतीत में तालिबान के फांसी देने के तरीके पर दुनिया के ऐतराज को खारिज कर दिया है।

उल्लेखनीय है तालिबान के पिछले कार्यकाल में अक्सर चोरी करने वालों के हाथ काटने जैसी सजाएं स्टेडियम में भीड़ के सामने दी जाती थीं। तुराबी ने दुनिया को अफगानिस्तान के नए शासकों के मामले में हस्तक्षेप करने के खिलाफ चेतावनी दी।तुराबी ने कहा, स्टेडियम में दंड के लिए सभी ने हमारी आलोचना की। लेकिन हमने कभी उनके कानूनों और सजा देने के तरीके के बारे में कुछ नहीं कहा। हम नहीं चाहते कि कोई हमें बताए कि हमारे कानून क्या होने चाहिए। हम इस्लाम का पालन करेंगे और कुरान के मुताबिक अपने कानून बनाएंगे।

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से अमेरिका को सताने लगा हमले का डर

फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ)के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा अमेरिका स्थित चरमपंथियों को अमेरिकी जमीन पर हमले की साजिश रचने के लिए प्रेरित कर सकता है। रे ने मंगलवार को सीनेट होमलैंड सिक्योरिटी एंड गवर्नमेंटल अफेयर कमेटी के समक्ष यह आशंका जाहिर की।दि हिल की रिपोर्ट के मुताबिक, रे ने कहा कि 2020 के मध्य से घरेलू आतंकवाद के मामले आसमान छू रहे हैं। मामले एक हजार से 2700 तक पहुंच गए हैं, जिनकी जांच अभी जारी है। चरमपंथी संगठनों ने कभी भी अमेरिकी जमीन पर हमलों की साजिश रचना बंद नहीं किया है।

इतना ही नहीं, नेशनल काउंटरटेररिज्म सेंटर के निदेशक क्रिस्टाइन अबीजेद ने भी कमेटी के समक्ष कहा कि दो दशक पूर्व की तुलना में अमेरिका में आतंकी हमलों की आशंका अधिक बढ़ गई है। अबीजेद ने यह भी कहा कि अमेरिकी अधिकारियों को इस बात पर ध्यान देना होगा कि अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट किस प्रकार अपनी ताकत में इजाफा कर सकते हैं और अमेरिका में हमलों की साजिश रच सकते हैं।

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