अफगानिस्तान में निर्माण कार्यों को लेकर तालिबान चीन के पक्ष में, भारत की चिंता को तालिबान ने किया खारिज
अफगानिस्तान में निर्माण कार्यो में चीन बड़ा निवेश कर सकता है। तालिबान ने चीन को इन क्षेत्रों में निवेश के मामले में हरी झंडी दिखा दी है। तालिबान ने भारत की उन चिंताओं को खारिज कर दिया है जो चीन के बड़े पैमाने पर निवेश को लेकर उपजी हैं।
बीजिंग, एजेंसी। अफगानिस्तान में निर्माण कार्यो व अन्य सेक्टरों में चीन बड़ा निवेश कर सकता है। तालिबान ने चीन को इन क्षेत्रों में निवेश के मामले में हरी झंडी दिखा दी है। तालिबान ने भारत की उन चिंताओं को खारिज कर दिया है, जो चीन के बड़े पैमाने पर निवेश को लेकर उपजी हैं। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि भारत की कुछ चिंताएं उचित नहीं हैं। चीन के अफगानिस्तान में निर्माण कार्य में शामिल होने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
अमेरिकी सेना की वापसी और तालिबान की सरकार बनने के बाद चीन यहां बड़े निवेश की संभावना देख रहा है। इस मामले में अब तालिबान ने भी उसके पक्ष में राय दे दी है। तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा है कि अब हमें अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण करने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में जब चीन हमारी मदद करने के लिए आगे आया है तो इसमें क्या हर्ज है। इससे पहले तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भी चीनी निवेश की इच्छा जताई थी। तालिबान की पूरी सहमति के बाद इस बात की संभावना है कि नई अंतरिम सरकार को मान्यता मिलने के तुरंत बाद चीन निवेश की योजनाओं को धरातल पर लाना शुरू कर देगा। चीन सबसे पहले बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) पर काम करने का इच्छुक है।